मिग, एके-56 की बदौलत जोर पकड़ रहा है रूस का 'रक्षा पर्यटन'

जनता जनार्दन डेस्क , May 05, 2016, 11:39 am IST
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मिग, एके-56 की बदौलत जोर पकड़ रहा है रूस का 'रक्षा पर्यटन' मास्को: दनादन गोलियां दागते कलाशनिकोव राइफलों (एके-56), उन्नत युद्धक विमानों, विशालकाय टैंकों और अन्य सैन्य साजो-सामान की बदौलत रूस इन दिनों पर्यटकों को आकर्षित करने की तैयारी कर रहा है. यूक्रेन में जारी संघर्ष और क्रीमिया के संयोजन के बीच रूस का ध्यान पूरी तरह ‘रक्षा पर्यटन’ पर है.

रूस पहुंचने वाले पर्यटकों की देखरेख व संचालन करने वाले टूर आपरेटर इन दिनों पर्यटकों को लड़ाई जैसा अनुभव देने का दावा कर रहे हैं. टूर आपरेटरों के मुताबिक एके-47 एसॉल्ट राइफलों से लैस होकर पर्यटकों को अंडरग्राउंड फाइरिंग रेंज में फायरिंग कराया जाएगा और टी-90 टैकों में बैठाकर युद्धभूमि का नजारा दिखाया जाएगा. साथ ही एमआईजी-29 विमान में लगभग अंतरिक्ष तक की सैर कराई जाएगी.

जापान के पर्यटक तोशीहीरो योकोई और उनके दोस्त के लिए मानो यह किसी सपने के सच होने जैसा है. इन दोनों ने 15 से 18 हजार यूरो खर्च करके एमआईजी-29 में बैठकर आसमान में लट्टू की तरह घूमने का आनंद लिया. योकोई और उनके दोस्त के लिए यह जिंदगी भर का अनुभव है.

एमआईजी में बैठकर 9जी (जी-फोर्स) का अनुभव करने वाले योकोई ने कहा, “विमान में बैठकर रोमांचक उड़ान के दौरान हमने जो अनुभव किया, वह रोमांचक और रोचक रहा.”

अब योकोई वोल्गा फेडरल डिस्ट्रिक्ट में चार इंजनों वाले आईएल-76 विमान में बैठकर जीरो ग्रेवेटी का आनंद लेना चाहते हैं.

इसके अलावा जो लोग फाइटर जेट और टैंक का अनुभव साथ-साथ लेना चाहते हैं, वे मास्को से 1000 मील दूरी पर स्थित उरालवागोनजावोद में दुनिया के सबसे बड़ी टैंक निर्माता कम्पनी तक जाएंगे और विशालकाय टी-90 टैंकों की सवारी करेंगे. यह सवारी अप्रैल से शुरू हो चुकी है.

साथ ही लोग यहां आर्मर म्यूजियम की सैर कर सकेंगे, जहां ग्रेट वॉर के टैंक, सैन्य उपकरण और असलहे रखे गए हैं.

जो लोग पुरानी चीजें पसंद करते हैं और जिन्हें विश्व युद्ध से जुड़ी चीजें, रूसी नेता जोसेफ स्टालिन के बंकर से प्यार है, वे भी पर्यटन के नए आकर्षण का हिस्सा बन सकते हैं.

अगर कोई यह महसूस करना चाहता है कि सेना में रहकर कैसा महसूस किया जा सकता है तो नया पर्यटन सर्किट आपको एक दिन सेना में रहकर ट्रेनिंग कैम्प में बिताने का मौका देगा, जहां आप सैनिकों के साथ प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे.

तीन साल पहले रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोगू ने एक स्पोर्ट-मिलिट्री शो का प्रस्ताव रखा था. इसमें टैकों की रेस और टैंकों से गोले बरसाने का अनुभव लेना शामिल था.

मास्को स्थित इंडिगो टूर की मारिना शोलोकोव ने आईएएनएस से कहा, “सभी मेहमान सैन्य युद्ध, आतिशबाजी , सैन्य संगीत और अनेक मॉडल के टैंकों का लुत्फ ले सकेंगे. मिलिट्री म्यूजियम गर्मियों में रूसी और चीनी पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय रहता है.”

रूसी सूचना केंद्र के परेश नावानी का कहना है कि रक्षा पर्यटन रूस में अपने सारे दरवाजे खोलने वाला है.

मास्को स्थित इनबाउंड टूर ऑपरेटर एकाडेमसर्विस के पावेल क्रेतोव ने कहा कि रूस पहुंचने वाले विदेशी पर्यटकों में सबसे बड़ी संख्या चीनियों की होती है. बीते साल लाखों चीनी रूस पहुंचे. चीनी लोगों को सैन्य पर्यटन काफी पसंद है और इनके बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है.

क्रेतोव ने कहा, “सैन्य पर्यटन अभी शुरू ही हुआ है. चीनी पर्यटक इसमें काफी रुचि रखते हैं. यह मुख्य तौर पर चीनी पर्यटकों की मांग को पूरा करने के लिए शुरू किया गया है.”

क्रेतोव ने यह भी कहा कि मास्को में कई ऐसे शूटिंग गैलरीज हैं, जहां आप एके-56 राइफल से सैकड़ों गोलियां बरसा सकते हैं.

इस पर्यटन की हालांकि एक दिक्कत यह है कि यह काफी महंगा है. अब देखने वाली बात यह है कि रूसी पर्यटन प्रशासन इस समस्या से किस तरह निपटता है क्योंकि इसमें किसी तरह की कोताही पर्यटन की इस नई सम्भावना को धूमिल कर सकता है.
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