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शेक्सपीयर की 400वीं पुण्य तिथि पर आया गूगल का डूडल

शेक्सपीयर की 400वीं पुण्य तिथि पर आया गूगल का डूडल नई दिल्ली: सर्च इंजन गूगल ने शनिवार को एक शानदार डूडल बनाकर महान साहित्यकार विलियम शेक्सपीयर को श्रद्धांजलि दी है। आज के ही दिन वर्ष 1616 में शेक्सपीयर का देहांत हुआ था। गूगल ने अपने होम पेज पर साहित्यकार विलियम शेक्सपीयर को समर्पित किए डूडल में शेक्सपीयर के रचनाओं के कलाकारों को दिखाया है।

शेक्सपीयर अपने जमाने के काफी प्रख्‍यात साहित्यकार थे, जिनकी रचनाएं आज भी प्रासंगिक हैं। विलियम शेक्सपियर, जॉन शेक्सपियर तथा मेरी आर्डेन के बड़े पुत्र थे, जिनसे बड़ी दो बहने थीं। विलियम शेक्सपियर का जन्म 26 अप्रैल 1564 को हुआ था।

शेक्सपियर ने एक रंगशाला में किसी छोटी नौकरी पर काम किया, किंतु कुछ दिनों के बाद वे लार्ड चेंबरलेन की कंपनी के सदस्य बन गए और लंदन की प्रमुख रंगशालाओं में समय-समय पर अभिनय में भाग लेने लगे। ग्यारह वर्ष के बाद सन् 1596 में ये स्ट्रैटफोर्ड आन एवन लौटे, जिसके बद उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक व्यवस्था सुदृढ़ बना दी।

सन 1597 में उन्होंने धीरे-धीरे नवनिर्माण एवं विस्तार किया। शेक्सपियर ने जिन ऐतिहासिक नाटकों की रचना की उनमें कई रोमन इतिहास विषयक हैं।इन रोमन नाटकों के लेखन में शेक्सपियर ने इतिहास के तथ्यों को थोड़ा बहुत बदल दिया है और कतिपय स्थलों पर ऐसा प्रतीत होने लगता है कि जीवन का जो चित्र उपस्थित किया गया है वह प्राचीन रोम का नहीं अपितु ऐलिजावेथ कालीन इंग्लैंड का है।

शेक्सपियर के पूर्व के अधिकांश अंग्रेजी ऐतिहासिक नाटकों में तथ्यों और घटनाओं का निर्जीव चित्रण रहता था तथा कोरी इतिवृत्तात्मकता के कारण वे नीरस होते थे। उन्होंने इस प्रकार के नाटकों को जीवंत रूप देकर चमत्कारपूर्ण बना दिया है। अंतिम नाटकों में शेक्सपियर का परिपक्व जीवनदर्शन मिलता है। महाकवि को अपने जीवन में विभिन्न प्रकार के अनुभव हुए थे जिनकी झलक उनी कृतियों में दिखाई पड़ती है।

प्रणय विषयक सुखांत नाटकों में कल्पनाविलास है और कवि का मन ऐश्वर्य और यौवन की विलासिता में रमा है। दु:खांत नाटकों में ऐसे दु:खद अनुभवों को अभिव्यक्ति है जो जीवन को विषाक्त बना देते हैं. शेक्सपियर के कृतित्व की परिणति ऐसे नाटकों की रचना में हुई जिनमें उनकी सम्यक बुद्धि का प्रतिफलन हुआ है।
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