'वंदे मातरम' है असली राष्ट्रगान: आरएसएस नेता भैयाजी जोशी

'वंदे मातरम' है असली राष्ट्रगान: आरएसएस नेता भैयाजी जोशी नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के ‘भारत माता की जय’ के नारे से जुड़े बयान के बाद 'वंदे मातरम' को लेकर बड़ा बयान सामने आया है. संघ के एक शीर्ष पदाधिकारी ने कहा है कि वास्तव में ‘वंदे मातरम’ ही राष्ट्रगान है.

वास्तविक अर्थों में 'वंदे मातरम' है राष्ट्रगान
संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा कि मौजूदा दौर में जन गण मन हमारा राष्ट्रगान है. इसका सम्मान किया जाना चाहिए. इससे दूसरी भावना पैदा होने का कोई कारण नहीं है. उन्होंने शुक्रवार को दीनदयाल उपाध्याय अनुसंधान संस्थान में कहा कि लेकिन संविधान के अनुसार यह हमारा राष्ट्रगान है. अगर कोई वास्तविक अर्थों पर विचार करता है तो वंदे मातरम हमारा राष्ट्रगान है.

दोनों गीतों का हो बराबर सम्मान
जोशी ने कहा कि 'जन गण मन' कब लिखा गया? इसे कुछ वक्त पहले लिखा गया था लेकिन 'जन गण मन' में राष्ट्र को ध्यान में रखकर भावनाएं व्यक्त की गई हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि 'वंदे मातरम' में जाहिर की गई भावनाएं राष्ट्र की विशेषता और बनावट को रेखांकित करती हैं. दोनों गीतों के बीच का अंतर है. दोनों का सम्मान किया जाना चाहिए.

स्वतंत्रता आंदोलन में वंदे मातरम की बड़ी भूमिका
‘वंदे मातरम’ बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय की लिखी किताब 'आनंदमठ' से ली गई कविता है. भारतीय स्वंतत्रता आंदोलन में इसकी भूमिका बेहद अहम रही थी. साल 1950 में इसके दो छंद को ‘राष्ट्रगीत’ का आधिकारिक दर्जा दिया गया था.
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