अपराधियों को नहीं बना सकते एमएलसी: राज्यपाल राम नाईक

अपराधियों को नहीं बना सकते एमएलसी: राज्यपाल राम नाईक लखनऊ: विधानपरिषद के नामित सदस्यों की सूची को लेकर राजभवन और अखिलेश सरकार एक बार फिर आमने-सामने है। यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने राज्य सरकार को विधान परिषद सदस्य नामित करने वाली पत्रावली एक बार फिर खारिज कर दिया है।

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि अपेक्षा है मुख्यमंत्री नए नामों की संस्तुति के साथ पत्रावली जल्द भेजेंगे। राज्यपाल ने बताया कि उनके और मुख्यमंत्री के बीच हुई कई बैठकों में चर्चा हुई थी कि वह नए नामों का प्रस्ताव भेजेंगे लेकिन अभी नए नाम की सूची राजभवन को नहीं मिली है।

राज्यपाल ने जिन पांच लोगों के नाम वापस भेजे हैं उनमें डॉ. कमलेश कुमार पाठक, संजय सेठ, रणविजय सिंह, अब्दुल सरफराज खान और डॉ. राजपाल कश्यप हैं। खबर है कि गवर्नर की आपत्ति खास तौर पर दो नामों पर है। इनमें एक नाम बिल्डर संजय सेठ और दूसरा कमलेश पाठक का है।

विधानपरिषद के नामित सदस्यों की सूची को लेकर राजभवन और अखिलेश सरकार एक बार फिर आमने-सामने है। यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने राज्य सरकार को विधान परिषद सदस्य नामित करने वाली पत्रावली एक बार फिर खारिज कर दिया है।

इन नामों को वापस करते हुए राज्यपाल ने लिखा है कि इनमें से कई व्यक्तियों के विरुद्ध आपराधिक मामले है। कई ऐसे हैं जो पद के लिए निर्धारित योग्यता पूरी नहीं करते। ये लोग साहित्य, विज्ञान, कला, सहकारी आन्दोलन तथा समाज सेवा में से किसी भी क्षेत्र में विशेष ज्ञान अथवा व्यावहारिक अनुभव नहीं रखते हैं। जिस कारण उन्हें विधान परिषद का सदस्य नामित नहीं किया जा सकता है।

बता दें कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मई 2015 में विधान परिषद के लिए 9 सदस्यों की सूची राज्यपाल के पास भेजी थी। जिनमें से 4 नामों राम सिंह यादव, लीलावती कुशवाहा, रामवृक्ष सिंह यादव और जितेन्द्र यादव के नामों पर राज्यपाल ने 2 जुलाई 2015 को मंजूरी दे दी थी।
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