Thursday, 28 March 2024  |   जनता जनार्दन को बुकमार्क बनाएं
आपका स्वागत [लॉग इन ] / [पंजीकरण]   
 

अब सुधरेगी बुंदेलखंड के किसानों की दशा

अब सुधरेगी बुंदेलखंड के किसानों की दशा लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में किसानों की हालत काफी खस्ता है। गरीबी और आर्थिक पिछड़ेपन की मार झेल रहे यहां के किसानों की दशा में सुधार के लिए अखिलेश सरकार कई योजनाएं चला रही है। आला अधिकारियों की तरफ से इन योजनाओं का लाभ किसानों तक हर संभव पहुंचाने की कवायद हो रही है।बुंदेलखंड के तीन मंडलों- झांसी, चित्रकूट धाम और मिर्जापुर में सरकार की ओर से किसानों के लिए बागवानी योजना चलाई गई है।

सरकार का उद्देश्य है कि इन तीनों मंडलों के अंतर्गत आने वाले जिलों के किसानों की आर्थिक हालत सुदृढ़ की जाए। इन जिलों में गरीबी एवं कुपोषण को दूर करने, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने, माइक्रो क्लाइमेट में सुधार करने तथा भूमिगत जल में वृद्धि करने के साथ ही इस योजना के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति भी ठीक करने का लक्ष्य रखा गया है।

उप्र हॉर्टिकल्चर (बागवानी) विभाग के उपनिदेशक राणा प्रताप सिंह ने आईएएनएस से विशेष बातचीत के दौरान कहा कि बागवानी योजना फिलहाल झांसी, जालौन, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट, मिर्जापुर, सोनभद्र एवं भदोही के किसानों के लिए ही चलाई गई है। इस योजना में कुल 3940 लाख रुपये की लागत आ रही है।

राणा प्रताप सिंह ने बताया कि इस योजना से किसान काफी उत्साहित हैं। इसके तहत सरकार ऐसे किसानों को लगातार तीन वर्ष तक 3000 रुपये प्रति माह देती है जो अपने खेतों में बागवानी के इच्छुक हैं। इसके लिए किसान अपने खेत में 0.2 हेक्टेयर से लेकर एक हेक्टेयर तक पौधे उगा सकते हैं। सरकार उन पौधों के रखरखाव के लिए ही किसानों को यह पैसा देती है।

विभाग के अनुसार, पौधों के रखरखाव के लिए किसानों को सरकार की तरफ से एक दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसके लिए तीनों मंडलों के 59 ब्लॉकों को चयन किया गया है। किसान अपने खेतों में अमरूद, कागजी नींबू, मौसमी, आंवला, बेर, बेल, आम के पौधे लगाकर इस योजना का लाभ ले सकता है।

उपनिदेशक की मानें तो इस योजना की शुरुआत नवंबर, 2015 में हुई थी। इसके तहत मुख्य सचिव आलोक रंजन ने भी बुंदेलखंड जाकर खुद 14 किसानों को चेक वितरित किया था। इसके बाद किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए आगे आए हैं। हालांकि इस योजना का लाभ वही किसान उठा पा रहे हैं, जिनके पास सिंचाई के साधन हैं।

हालांकि राणा प्रताप से यह पूछे जाने पर कि अब तक कितने किसान इस योजना का लाभ ले सके हैं, उन्होंने इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी अप्रैल तक मिलने की संभावना है।

विभाग के अनुसार, सरकार ने इस योजना को 3615 हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक बुंदेलखंड एवं विंध्य क्षेत्र में करीब 3615 हेक्टेयर इलाके में 1,30,000 पौधे लगाए जा चुके हैं।

उप्र के कृषि उप्तादन आयुक्त प्रवीर कुमार ने आईएएनएस को बताया कि इसकी शुरुआत किसानों की आर्थिक हालत सुधारने के उद्देश्य से ही की गई है। काफी संख्या में किसान आगे आकर इस योजना का लाभ ले रहे हैं। मुख्य सचिव भी इस योजना को लेकर काफी गंभीर हैं। उम्मीद है कि आने वाले समय में और अधिक किसान इसका लाभ उठाएंगे।
अन्य प्रांत लेख
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल