सीखने के मौकों और श्रेष्ठता की खोज दोनों पर समान रूप से ध्यान देना होगा: राष्ट्रपति
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jan 19, 2016, 12:18 pm IST
Keywords: President Pranab Mukherjee Uttar Pradesh Gautam Buddha Nagar district Shiv Nadar University Higher education HCL Chairman Shiv Nadar Founder राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी उत्तर प्रदेश गौतमबुद्धनगर जिले शिव नादर यूनिवर्सिटी उच्च शिक्षा एचसीएल संस्थापक अध्यक्ष शिव नादर
नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले के दादरी में शिव नादर यूनिवर्सिटी का औपचारिक उद्घाटन किया। उन्होंने इस मौके संकाय सदस्यों के लिए आवासीय भवन की आधारशिला भी रखी। इस मौके पर उन्होंने एचसीएल सिटीजन ग्रांट्स अवार्ड भी दिए।
इस मौके पर राष्ट्रपति ने एचसीएल के संस्थापक अध्यक्ष शिव नादर को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उनकी दृष्टि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि दो दशक पहले स्थापित शिव नादर फाउंडेशन बदलाव की शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है। शिव नादर यूनिवर्सिटी 2011 में स्थापित हुई थी। इसे समग्र, अंतर-विषयक और विद्यार्थी उन्मुख संस्थान के तौर पर शुरू किया गया है, जो नए ज्ञान के सृजन और पेशेवर दक्षता पैदा करने पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित किए हुए है। यूनवर्सिटी ने नए और भविष्य में पैदा होने वाले अवसरों के मद्देनजर छात्र-छात्राओं को तैयार करने के लिए खास पाठ्यक्रम अपनाया है। अपने अनोखे नजरिये की वजह से यूनिवर्सिटी में अगले दो-तीन दशक के दौरान उच्च शिक्षा परिदृश्य को सकारात्मक तौर पर प्रभावित करने की क्षमता है। राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षा में दाखिला लेने वाले 60 प्रतिशत विद्यार्थी निजी विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं। हालांक निजी विश्वविद्यालयों की तादाद बढ़ी है लेकिन शिक्षा के स्तर पर इनके नकारात्मक असर चौंकाने वाला है। अगर उच्च शिक्षा के स्तर में आ रही समस्या जल्द सुलझाई नहीं गई तो हम जल्द ही खुद को ऐसी हालत पाएंगे जहां हमारे पास डिग्रीधारक लोग तो होंगे लेकिन दक्ष मानव संसाधन नहीं होंगे। हम नई अर्थव्यवस्था के मुताबिक कामकाजी लोग और पेशेवर पैदा न करने का जोखिम मोल नहीं ले सकते। इसलिए सीखने के मौकों और श्रेष्ठता की खोज दोनों पर समान रूप से ध्यान देना होगा। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि वर्ष 2015 में पहली बार दो भारतीय शैक्षणिक संस्थान दुनिया के शीर्ष 200 शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग में जगह बनाने में कामयाब रहे। उन्होंने उम्मीद जताई कि उच्च शिक्षा संस्थानों की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में आगे और भी भारतीय शिक्षा संस्थान शामिल होंगे। |
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