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राजीव गांधी हत्याकांडः उच्चतम न्यायालय ने कहा दोषियों को माफ नहीं कर सकती तमिलनाडु सरकार

राजीव गांधी हत्याकांडः उच्चतम न्यायालय ने कहा दोषियों को माफ नहीं कर सकती तमिलनाडु सरकार नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकारें ऐसे दोषियों की सजा केंद्र सरकार से परामर्श किये बिना माफ नहीं कर सकती जिन पर केंद्रीय कानूनों के तहत मुकदमा चला हो और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने जिनमें जांच की हो.

राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले से उत्पन्न हुए संवैधानिक मुद्दों को सुलझाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्यों को माफी देने का अधिकार है, लेकिन वे इसे स्वत: संज्ञान लेते हुए नहीं कर सकते.

प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह भी कहा कि केंद्रीय कानूनों के तहत दर्ज मामलों में दोषियों की सजा माफी में केंद्र को प्रमुखता होगी, जिनमें सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने जांच की हो.

न्यायमूर्ति दत्तू आज पद छोड़ रहे हैं. एक छोटी पीठ के संदर्भ में उठाये गये सभी मुद्दों पर जवाब देने में पीठ में सर्वसम्मति थी, लेकिन इस मामले में 3 के मुकाबले 2 के अनुपात में सहमति नहीं थी कि क्या अदालतें ऐसे अपराधों में जेल की सजा निर्धारित कर सकती हैं, जिनमें उम्रकैद की सजा का प्रावधान हो. बहुमत इस पक्ष में था कि अदालतों को ऐसा करने का अधिकार है.

पीठ में न्यायमूर्ति एफ एम आई कलीफुल्ला, न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष, न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे और न्यायमूर्ति यू यू ललित भी हैं. पीठ ने राजीव गांधी हत्याकांड में दोषियों की सजा माफी के तथ्यात्मक और कानूनी पहलुओं को तीन न्यायाधीशों की पीठ को भेजा.

उच्चतम न्यायालय ने पहले कहा था कि वह सजा माफी के कार्यपालिका के अधिकारों के दायरे पर छोटी पीठ द्वारा निर्धारित विभिन्न मुद्दों को देखेगी.

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 20 फरवरी को राजीव गांधी हत्याकांड के तीन दोषियों- मुरगन, संतन और अरिवु को रिहा करने के राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगा दी थी. तीनों को सुनाई गयी मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील किया गया था.

बाद में अदालत ने चार अन्य दोषियों- नलिनी, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन की रिहाई पर भी रोक लगा दी थी और कहा था कि राज्य सरकार की ओर से प्रक्रियात्मक खामियां की गयी हैं.

संतन, मुरगन और अरिवु फिलहाल केंद्रीय जेल, वेल्लूर में बंद हैं. तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में 21 मई, 1991 को राजीव गांधी की हत्या में भूमिका के लिए अन्य चारों दोषी भी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.
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