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उद्धव ने भाजपा को ललकारा, कहा- हिम्मत है तो भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करो

उद्धव ने भाजपा को ललकारा, कहा- हिम्मत है तो भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करो मुंबईः भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने बीजेपी सरकार पर अपने हमले और पैने कर दिए हैं. गुरुवार को शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बीफ खाने को लेकर उत्तर भारत में हाल में हुई हत्याओं को लेकर बीजेपी की आलोचना की. उन्होंने कहा, 'या तो बीफ के मुद्दे पर लोगों को मारना बंद करो, या फिर अगर आप में हिम्मत है तो भारत को एक हिंदू राष्ट्र घोषित कर पूरे देश में समान आचार संहिता लागू करो.'

मोदी सरकार पर पाकिस्तान के साथ नर्मी बरतने का आरोप लगाते हुए ठाकरे ने केंद्र सरकार को पाकिस्तान पर हमला करने की चुनौती दी. उन्होंने कहा, 'भगवान राम रावण के खेमे में घुसे थे और उसे मारा था.' उन्होंने कहा कि शिवसेना अपनी नीतियों में बदलाव नहीं लाएगी.

ठाकरे ने कहा, 'हम अपने बुनियादी आदर्श से समझौता नहीं करेंगे. हम हिंदुत्व के मुद्दे पर भी मजबूती से कायम हैं. हम भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ नर्मी बरता जाना सहन नहीं करेंगे.' वह बीजेपी के सहयोगी के तौर पर अपनी पार्टी के एजेंडे के बारे में बोल रहे थे.

ठाकरे ने अपने भाषण में बीजेपी के साथ-साथ संघ परिवार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि शिवसेना का हिंदुत्ववाद ब्राह्मणवादी नहीं है. उन्होंने कहा, 'हम शेंडी (ब्राह्मणों द्वारा रखी जाने वाली चुटिया) और जनेऊ या फिर वेदों में यकीन नहीं करते हैं.'

उद्धव ठाकरे शिवाजी पार्क में शिवसेना के सालाना दशहरा उत्सव समारोह के मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा, 'दादरी हत्याकांड से देश की बदनामी हुई है, ना कि सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर स्याही फेंकने से.'

बीजेपी को यह चुनौती देते हुए कि वह भारत को एक हिंदू राष्ट्र घोषित करे, ठाकरे ने कहा, 'लोगों के घरों में यह देखने के लिए कि क्या कोई बीफ खा रहा है, झांकना बंद कीजिए. किसी को केवल बीफ खाने के कारण मार देना बेहद क्रूर है.'

शिवसेना द्वारा बीजेपी के साथ महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार से बाहर होने की योजना पर बोलते हुए उन्होंने साफ किया कि गुलाम अली विवाद या फिर खुर्शीद कस्तूरी के साथ बीते सप्ताह हुए विवाद के कारण उनका सरकार से बाहर होने का कोई इरादा नहीं है.

हरियाणा के फरीदाबाद में 2 दलित बच्चों को जिंदा जलाकर मार देने की घटना को 'बेहद चौंकाने वाला' बताते हुए ठाकरे ने केंद्रीय मंत्री वी.के.सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी. सिंह ने कहा था कि अगर कोई किसी कुत्ते को पत्थर मारता है तो इसके लिए सरकार को दोषी नहीं माना जा सकता है.

ठाकरे ने बौखलाते हुए कहा, 'आपका मंत्री एक दलित परिवार जिसे कि जलाकर मार दिया गया है, उसकी तुलना गली के कुत्ते के साथ कर रहा है. तो फिर आपने मुंबई में डॉक्टर आंबेडकर स्मारक को क्यों प्रस्तावित किया? यह पाखंड क्यों?'

ठाकरे ने केंद्र की बीजेपी सरकार की दाल की बढ़ी कीमतों के लिए भी आलोचना की. उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा, 'जरूरी चीजों के दाम हर दिन बढ़ते जा रहे हैं और लोगों को इसकी वजह से तकलीफ हो रही है. 90 के दशक में शिवसेना और बीजेपी गठबंधन ने रोजाना की जरूरतों से जुड़ी 5 अहम चीजों की कीमतें नियंत्रण में रखने में कामयाबी हासिल की थी। अगर हम 1995 में ऐसा कर सकते हैं तो सरकार अब ऐसा क्यों नहीं कर सकती?'

महाराष्ट्र में बीजेपी के प्रमुख रावसाहेब दानवे के उस बयान का जिसमें उन्होंने कहा था कि जो पाकिस्तानी मेहमान मुंबई आएंगे उन्हें बीजेपी सरकार सुरक्षा मुहैया कराएगी, जवाब देते हुए ठाकरे ने कहा, 'खबर आई थी कि पिछले हफ्ते नागपुर में 25 लाख की कीमत की अरहाल दाल चुरा ली गई। राज्य सरकार को चाहिए कि वह पाकिस्तानियों की जगह अरहर दाल को सुरक्षा मुहैया कराए।'

ठाकरे के भाषण में आलोचना और विरोध के साथ-साथ बीजेपी के लिए सांत्वना भी थी. उन्होंने कहा, 'मैं यहां बीजेपी की आलोचना करने नहीं आया हूं. वह हमारे दोस्त हैं. मीडिया के लोग मुझसे पूछते रहते हैं कि क्या शिवसेना सरकार छोड़ कर बाहर जा रही है और अगर जा रही है, तो कब जा रही है. मैं पक्के तौर पर बता देना चाहता हूं कि महाराष्ट्र में सरकार से निकलने की हमारी कोई योजना नहीं है. हम इस भगवा सरकार का हिस्सा हैं और हम जनता की समस्याएं सुलझाना चाहते हैं.'

ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से शिवसेना के मंत्रियों को बड़ी जिम्मेदारी देने की विनती की ताकि राज्य सरकार सही तरीके से काम कर सके.

शिवसेना द्वारा गुलाम अली के कार्यक्रम का विरोध किए जाने को न्यायसंगत बताते हुए ठाकरे ने कहा, 'अगर सत्ता में बैठे लोग दोनों देशों के बीच शांति को बढ़ावा देने के लिए गुलाम अली से गवाना चाहते हैं तो हमें 'ए मेरे वतन के लोगों' को बजाना बंद कर देना चाहिए. उसके बदले हमें गुलाम अली से नई दिल्ली के लाल किले पर जाकर गाने के लिए कहना चाहिए.'

उन्होंने मांग की कि वीर सावरकर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए. उन्होंने 'वामपंथी धर्मनिरपेक्ष' विचारकों की भी आलोचना की. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे लोग कश्मीरी पंडितों की तकलीफ के प्रति असंवेनशील हैं.

उन्होंने कहा, 'ये सूट-बूट पहनने वाले बुद्धिजीवी टीवी पर अपनी बोलने की कला का प्रदर्शन करना चाहते हैं. ऐसे लोग बहुत पूर्वाग्रही हैं.' उन्होंने लेखिका तस्लीमा नसरीन के उस ताजा बयान का भी जिक्र किया, जिसमें नसरीन ने कहा था कि भारतीय बुद्धिजीवी का झुकाव इस्लामिक कट्टरपंथियों की ओर है.

ठाकरे ने कहा कि वामपंथी-धर्मनिरपेक्ष लॉबी तब चुप रहती है, जब ओवैसी कहते हैं कि अगर पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को बीच में दखल देने के लिए नहीं कहा गया तो मुल्क के 14 करोड़ मुसलमान भारत के हिंदुओं से खुद ही निपट लेंगे, उन्होंने कहा, 'शिवसेना अब्दुल हमीद के सामने सिर झुकाती है, जिन्होंने 1965 की भारत-पाकिस्तान लड़ाई में देश के लिए अपनी जान दी थी,'

ठाकरे ने शरद पवार की भी आलोचना की, पवार ने कहा था कि शिवसेना सत्ता और ताकत की भूखी है. ठाकरे ने कहा, 'पवार को ऐसा नहीं कहना चाहिए. उन्होंने सोनिया गांधी के लिए अपनी पार्टी की एकमत वफादारी दिखाई थी और लगभग एक दशक तक राज्य और केंद्र दोनों में ही कांग्रेस के सहयोगी के तौर पर सत्ता का सुख भोगा.'
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