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पूर्व सैनिकों के बाद अब अर्द्धसैनिकों ने भी की 'वन रैंक वन पेंशन' की मांग

पूर्व सैनिकों के बाद अब अर्द्धसैनिकों ने भी की 'वन रैंक वन पेंशन' की मांग नई दिल्ली: सेना के पूर्व सैनिकों  के लिए वन रैंक, वन पेंशन(ओआरओपी ) की घोषणा के बाद अब अर्द्ध सैनिक बलों के पूर्व सैनिकों ने ओआरओपी की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है।

अर्द्ध सैनिक बलों के पूर्व सैनिकों ने इस मांग को मनवाने के लिए 2 नवंबर से जंतर-मंतर पर अनिश्चिकालीन धरना शुरु करने का फैसला किया है।

माना जा रहा है कि अगर सरकार पूर्व अर्द्ध सैनिकों की मांग मान लेती है कि सरकार पर सालाना 3 हजार करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ सकता है।

ऑल इंडिया सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्सिज एक्स-सर्विसमेन वेलफेयर एसोसिएशन ने ओआरओपी समेत दूसरे लाभों की  अपनी मांगें मनवाने के लिए अनशन शुरु करने की घोषणा की है।

अर्द्ध सैनिक बलों का यह कदम केंद्र सरकार और बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए एक कदम माना जा रहा है। अगले माह बिहार विधानसभा के चुनाव होने हैं और बिहार में रिटायर  और कार्यरत अर्द्ध सैनिकों की संख्या काफी है।

ऑल इंडिया सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्सिज एक्स-सर्विसमेन वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव पीएस नायर का कहना था कि हमने अपने साथियों को धरने में आने का न्योता दिया है और कहा कि बिहार चुनाव से पहले इस मामले पर कदम उठाने का समय आ गया है।

पूर्व अर्द्ध सैनिकों का कहना है कि सेना को शांति काल में भी सेवा करने का मौका मिलता है जबकि अद्र्ध सैनिक बल सीमा पर तैनात हों या देश के भीतर व्यवस्था संभालना, सारी जिम्मेदारी उन्हें दी जाती है।

सेना को सारी सुविधाएं दी जा रही हैं, जबकि अद्र्ध सैनिकों को नजरअंदाज किया जा रहा है।  अद्र्ध सैनिकों ने ओआरओपी  के लिए सोशल मीडिया पर भी अभियान छेड़ दिया है।

इससे पहले मंगलवार को भी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस केे अधिकारियों ने भी गृहमंत्री से मुलाकात कर इस मामले को उठाया था।
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