सूरत में गिरफ्तारी के बाद रिहा हुए हार्दिक पटेल, मोबाइल इंटरनेट पर रोक
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Sep 20, 2015, 10:58 am IST
Keywords: Surat Patidar quota row Hardik Patel Hardik Patel arrest Internet ban in Gujarat Ekta March Rakesh Asthana सूरत पाटीदार कोटा पंक्ति हार्दिक पटेल हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी गुजरात एकता मार्च राकेश अस्थाना में इंटरनेट प्रतिबंध
सूरत़/अहमदाबाद: पटेल आरक्षण के लिए आंदोलन चला रहे हार्दिक पटेल को उनके एकता यात्रा से पहले निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में सूरत से गिरफ्तार किया गया, हालांकि अदालत से जमानत मिलने पर उन्हें रिहा भी कर दिया गया।
हार्दिक की गिरफ्तारी से हिंसा और प्रदर्शन की छिटपुट घटनाएं हुईं जो पिछले महीने की तुलना में छोटे पैमाने पर और कम प्रभावकारी रहीं। पिछले महीने इस घटना के बाद समुदाय के सदस्यों ने व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन किया था जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई थी। सरकार ने अपनी तरफ से किसी भी अफवाह को रोकने और कानून व्यवस्था से निपटने के लिए राज्यभर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है। पुलिस ने हार्दिक और उनके 35 समर्थकों को सूरत में वराछा से हिरासत में लिया, जिन्हें सूरत में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था। मजिस्ट्रेट ने इन सभी को 1,000 रूपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी जिसके बाद उन्हें देर रात रिहा कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि निषेधाज्ञा उल्लंघन के लिए हार्दिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सूरत पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बताया, हमने हार्दिक पटेल को गिरफ्तार किया है। निषेधाज्ञा उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ धारा 188 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। हार्दिक की गिरफ्तारी के कारण अहमदाबाद के रबारी कॉलोनी और बापूनगर इलाके में प्रदर्शन हुए, जहां भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग 8 को बाधित कर दिया। डीसीपी श्वेता श्रीमाली ने बताया, रामोल, निकोल और बापूनगर इलाके में हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाएं हुईं जो उतनी गंभीर नहीं थीं। पुलिस इंस्पेक्टर पी़आई़ सोलंकी ने बताया कि अहमदाबाद में रामोल इलाके में पटेल और रबारी समुदाय के लोगों की पुलिस के साथ झड़प हो गई, जिसके कारण पुलिस को भीड़ को तितर बितर करने के लिए दो राउंड आंसूगैस के गोले छोड़ने पड़े। सोलंकी ने कहा, हार्दिक की गिरफ्तारी के खिलाफ पटेल समुदाय की महिलाएं प्रदर्शन कर रही थीं। कई बार शांति की अपील करने के बाद भी उन्होंने पहले तो हम पर पथराव किया और फिर उनका रबारी समुदाय के युवाओं के साथ जबर्दस्त विवाद हुआ, जो दोनों समुदायों के बीच जल्द ही संघर्ष का कारण बना। सूरत में कामरेज और कापोदरा इलाके में पुलिस और लोगों के बीच तनाव हुआ, हालांकि इसमें किसी को चोट नहीं आई। गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम (जीएसआरटीसी) के अध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि सौराष्ट्र क्षेत्र के बोटाद शहर और सूरत शहर में राज्य परिवहन की बसों में तोड़फोड़ की सूचना मिली। कुमार ने बताया कि प्रदर्शन के बाद संपत्ति और लोगों को किसी भी तरह के नुकसान की आशंका के मददेनजर जूनागढ़, राजकोट और सूरज जिलों के लिए जाने वाली राज्य परिवहन की बसों को कुछ समय के लिए रोक दिया गया। पटेल समुदाय के सदस्यों ने इससे पहले नवसारी, मोरबी, मेहसाणा, अमरेली और जामनगर जिलों में सड़क बाधित की थी। बहरहाल, मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने कहा कि उनकी सरकार किसी भी समुदाय के साथ अन्याय नहीं होने देगी और किसी के भी कानून हाथ में लेने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी। सूरत में मांडवी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, गुजरात का विकास तभी संभव हुआ क्योंकि राज्य 2001 से सामाजिक शांति का गवाह रहा है। हार्दिक ने इससे पहले सरकार पर उनके समुदाय के लोगों की आवाज दबाने का आरोप लगाया था। अहमदाबाद से दांडी आयोजित करने की मंजूरी नहीं मिलने पर उन्होंने कल तक एकता यात्रा के बारे में अपनी योजना गुप्त रखी। हालांकि, पुलिस ने उनकी योजना नाकाम कर दी। |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|