इस महीने होगा पूर्ण चांद पर दुर्लभ ग्रहण
जनता जनार्दन डेस्क ,
Sep 16, 2015, 13:12 pm IST
Keywords: Moon Rare eclipse September 27 2015 Suprmun Full lunar eclipse चांद दुर्लभ ग्रहण 27 सितंबर 2015 सुपरमून पूर्ण चंद्रग्रहण
वॉशिंगटन: इस महीने चांद पर दुर्लभ ग्रहण लगने वाला है। 30 साल बाद यह पहली बार होगा कि दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में लोग 27 सितंबर को सुपरमून का दीदार करेंगे। यह सुपरमून पूर्ण चंद्रग्रहण के साथ दिखाई देगा। हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा।
भारतीय समयानुसार 28 सितंबर सुबह 5.11 मिनट पर... वैसे यह पूर्ण ग्रहण 1 घंटे 12 मिनट तक रहेगा और उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, पूर्वी पसिफिक और दक्षिण एशिया के कुछ भागों में दिखाई देगा। पृथ्वी की छाया सुपरमून की रोशनी को धीमे-धीमे ढकना शुरू करेगी जिसकी शुरुआत रात 8.11 (भारतीय समयानुसार 28 सितंबर सुबह 5.11 मिनट पर) पर होगी। पूर्ण चंद्रग्रहण की स्थिति में चंद्रमा एक घंटे से भी ज्यादा समय तक वास्तविकता से ज्यादा बड़ा दिखाई देगा। नासा गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर, मैरीलेंड के डेप्युटी प्रॉजेक्ट वैज्ञानिक नोआह पेट्रो कहते हैं कि चूंकि चंद्रमा की ऑर्बिट एक घेरा नहीं है, इसलिए चंद्रमा अपने कक्ष में अन्य समय के तुलना में कुछ समय के लिए पृथ्वी के ज्यादा पास दिखाई देगा। सालभर का सबसे समीप का चंद्रमा... अपने एक बयान में उन्होंने कहा कि जब चंद्रमा सबसे पास रहता है तब यह पेरिजी और जब सबसे दूर रहता है तब अपोजी कहलाता है। 27 सितंबर को हम पेरिजी का चंद्रमा देखेंगे जो कि सालभर का सबसे समीप का चंद्रमा होगा। अपोजी की तुलना में पेरिजी में चंद्रमा पृथ्वी के 31,000 मील ज्यादा पास होता है। यह दूरी पृथ्वी की एक पूरी परिधि के बराबर ठहरती है। इसके मंडराने की क्षमता की वजह से अपोजी के चंद्रमा की तुलना में पेरिजी चंद्रमा 14 प्रतिशत ज्यादा बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकीला दिखाई देता है। जिसकी वजह से इसे सुपरमून कहा जाता है। 'दुर्लभ है लेकिन ध्यान देने योग्य नहीं...' पेट्रो कहते हैं कि वास्तव में चंद्रमा में भौतिक रूप से कोई बदलाव नहीं आता है यह मात्र कुछ बड़ा दिखाई देता है। यह कोई नाटकीय घटनाक्रम नहीं है, लेकिन यह ज्यादा बड़ा दिखाई देता है। पेट्रो कहते हैं कि दुर्लभ होने के बावजूद यह क्षण ध्यान देने योग्य नहीं है। पेट्रो मुंह दबाकर हंसते हुए कहते हैं, 'चंद्रग्रहण के दौरान जो एक बड़ी घटना घटती है वह यह कि लोग अगली सुबह गर्दन में दर्द के साथ उठते हैं क्योंकि वे रातभर चंद्रग्रहण देख रहे होते हैं। |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|