इंग्लैंड पहुंचा छत्तीसगढ़ का सांस्कृतिक कैलेंडर!

इंग्लैंड पहुंचा छत्तीसगढ़ का सांस्कृतिक कैलेंडर! रायपुर: छत्तीसगढ़ के 14 प्रमुख आस्था केंद्रों पर पहली बार छत्तीसगढ़ सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित सांस्कृतिक कैलेंडर ‘नमामि शक्ति स्वरूपा : छत्तीसगढ़’ की ख्याति सात समंदर पार इंग्लैंड की संसद तक पहुंच गई है।

टेम्स नदी के किनारे लंदन में हाउस ऑफ कॉमंस (संसद) के टैरेस पर बुधवार को सार्वजनिक रूप से इस सांस्कृतिक कैलेंडर का परचम लहराया, जहां ब्रिटेन के जनप्रतिनिधियों और नागरिकों में इसे लेकर काफी दिलचस्पी देखी गई।

मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस वर्ष चैत्र नवरात्रि के मौके पर राजधानी रायपुर में विक्रम संवत 2072 पर आधारित प्रदेश सरकार का यह पहला सांस्कृतिक कैलेंडर जारी किया था। कैलेंडर की विषय वस्तु की परिकल्पना जनसंपर्क विभाग के सचिव गणेश शंकर मिश्रा द्वारा की गई थी।

ब्रिटिश संसद की छत पर एच.एस.बी.सी. बैंक के लंदन शाखा के वरिष्ठ अधिकारी प्रभाकर काजा और भारतीय उद्योग परिसंघ की लंदन शाखा की रीटा हंट ने छत्तीसगढ़ सरकार के इस सांस्कृतिक कैलेंडर का प्रदर्शन किया। एशियन बिजनेस एसोसिएशन के अध्यक्ष और एसोचैम की ब्रिटेन शाखा के प्रमुख विजय गोयल भी वहां मौजूद थे।

मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ब्रिटिश संसद तक छत्तीसगढ़ के प्रथम सांस्कृतिक कैलेंडर की ख्याति पहुंचने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि इससे छत्तीसगढ़ के धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था केंद्रों के बारे में ब्रिटेन के लोगों को भी बहुत कुछ जानने और समझने का अवसर मिला है। सिंह ने इसके लिए जनसंपर्क विभाग के सचिव और आयुक्त गणेश शंकर मिश्रा सहित विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है।

गणेश शंकर मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने सांस्कृतिक महत्व के इन सभी स्थानों में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए कई प्रकार के सुविधाओं का विकास और निर्माण किया है।

मिश्रा ने कहा कि इन सभी केंद्रों के बारे में अधिक से अधिक संख्या में लोगों को जानकारी हो और वहां सांस्कृतिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिले, इस उद्देश्य से जनसंपर्क विभाग ने ‘नमामि शक्ति स्वरूपा : छत्तीसगढ़’ शीर्षक से सांस्कृतिक कैलेंडर प्रकाशित किया है।

मिश्रा ने बताया कि सांस्कृतिक कैलेंडर में छत्तीसगढ़ के चौदह प्रमुख आस्था केंद्रों की देवियों के चित्र प्रकाशित किए गए हैं, जिनमें दंतेवाड़ा की मां दंतेश्वरी, रतनपुर, रायपुर और अंबिकापुर की मां महामाया, डोंगरगढ़ की मां बम्लेश्वरी, चंद्रपुर की मां चंद्रहासिनी, मल्हार की मां डिडनेश्वरी, अड़भार की अष्टभुजी देवी, महासमुंद जिले में स्थित मां खल्लारी, धमतरी की बिलाईमाता, चैतुरगढ़ (जिला कोरबा) की महिषासुरमर्दिनी, ग्राम मूरा (जिला रायपुर) की मां भद्रकाली, नारायणपुर जिले की मां मावली देवी और झलमला (जिला बालोद) की गंगामैया के चित्र शामिल हैं। उनके मंदिरों के संक्षिप्त इतिहास और राजधानी रायपुर से उनकी दूरी का उल्लेख भी इसमें किया गया है।

कैलेंडर में छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध दिवंगत कवि नरेंद्र देव के लोकप्रिय गीत अरपा पैरी के धार-महानदी हे अपार को भी उनके प्रति सम्मान प्रकट करते हुए प्रकाशित किया गया है।
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