छुट्टी के दिन बॉडी और माइंड को इन तरीकों से कर सकते हैं रिलैक्स

जनता जनार्दन डेस्क , Aug 21, 2015, 17:11 pm IST
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छुट्टी के दिन बॉडी और माइंड को इन तरीकों से कर सकते हैं रिलैक्स नई दिल्ली: आज के व्यस्त और भागमभाग वाली ज़िंदगी में फ़ुर्सत के लम्हे बहुत कम ही मिलते हैं। दफ़्तर या बिज़नेस के काम से छुट्टी मिलने के बावजूद ज़्यादातर लोग अपने काम के बारे में ही सोचते रहते हैं और तनावग्रस्त रहते हैं। काम का बोझ और टारगेट अचीव करने का प्रेशर उन पर इतना ज़्यादा होता है कि वो ख़ाली वक़्त भी ढंग से एन्जॉय नहीं कर पाते।

इसका सबसे बुरा असर उनके मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। मनोरंजन की कमी के कारण उनका माइंड रिलैक्स नहीं हो पाता और वो चिड़चिड़े हो जाते हैं। छोटी-छोटी बातों पर उन्हें तेज़ गुस्सा आ जाता है। यह गुस्सा वो बच्चों अथवा घर के नौकरों पर निकालते हैं। कई बार हसबैंड अपनी वाइफ को बिना किसी खास बात के बुरा-भला कहने लगते हैं, तो वाइफ भी हसबैंड को जली-कटी सुनाने से बाज नहीं आती।

ऐसे में, हफ़्ते में मिलने वाला छुट्टी का एक दिन भी उनके लिए बेकार हो जाता है। कई बार तो इससे तनाव इतना ज़्यादा बढ़ जाता है कि कई लोग सोचने लगते हैं कि इससे बेहतर तो घर से बाहर ही रहना होता।

इस तरह का तनाव होने से कई लोग शराब आदि का सहारा लेने लगते हैं, जिसका और भी बुरा परिणाम सामने आता है। घरेलू कलह का बच्चों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। उनके अंदर भय, हीन भावना भर जाती है और आत्मविश्वास की कमी भी होने लगती है।

इसके अलावा, अगर कोई एक दिन के लिए भी ख़ुद को रिलैक्स फील नहीं करता, तो उसका असर अगले दिन उसके काम पर भी पड़ता है। उसका परफॉरमेंस लेवल पहले जैसा नहीं रहता। उसमें गिरावट आती है। इससे वर्कप्लेस पर भी उसे परेशानी का सामना करना पड़ता है।

म्यूज़िक सुनें
म्यूज़िक तनाव से राहत दिलाता है। इसलिए हर आदमी को कुछ समय म्यूज़िक का आनंद जरूर लेना चाहिए। यहां खास बात ये है कि किस तरह के म्यूज़िक का चुनाव करें। आज का ज्यादातर सिनेमाई संगीत शोर-शराबे से भरा और अश्लील भी है। इस तरह के म्यूज़िक से मन को शांति नहीं मिल सकती, बल्कि उत्तेजना ही बढ़ती है।

घटिया गीत-संगीत आपके दिमाग को कलुषित ही करेगा। इसलिए श्रेष्ठ संगीत का चुनाव करें। आज इंटरनेट के सर्वसुलभ हो जाने के कारण उच्च से उच्च कोटि का संगीत आसानी से उपलब्ध है। अगर आप छुट्टी के दिन कुछ समय संगीत सुनने में देते हैं, तो इससे निश्चय ही आपको मानसिक शांति का अनुभव होगा और फ़िर दूसरे कामों में भी आपका मन लगेगा। संगीत मानसिक थकान को दूर करने के साथ ही क्रिएटिव आइडियाज को भी उभारता है।

थिएटर जाएं
अक्सर लोग छुट्टियों के दिन सिनेमा देखने चले जाते हैं। फ़िल्में एंटरटेनमेंट का अच्छा ज़रिया हैं, लेकिन आजकल ज्यादातर फ़िल्में ऐसी बन रही हैं, जिन्हें पूऱी फैमिली के साथ नहीं देखा जा सकता। इसकी वजह ये है कि उनमें अश्लीलता की भरमार होती है। इसके अलावा, अब कोई घर पर भी टीवी, कम्प्यूटर पर फ़िल्में देख सकता है।

ऐसे में, आप नाटक देखने थिएटर का रुख कर सकते हैं। हर बड़े शहर में जरूर थिएटर चलते हैं, जहां एक से एक अच्छे नाटक दिखाए जाते हैं। न्यूज़पेपर्स से आप इनके बारे में जानकारी ले सकते हैं और कम खर्च में स्वस्थ मनोरंजन कर सकते हैं। नाटक देखते हुए आपको फ़िल्मों से एक अलग ही अनुभव होगा।

आर्ट एग्जीबिशन देखने या म्यूज़ियम जाएं
बड़े शहरों में समय-समय पर आर्ट एग्जीबिशन होते रहते हैं। वहां जाने पर आपको एक अलग ही अनुभव होगा। आपको कला जगत के बारे में जानने का मौका मिलेगा। साथ ही, वहां कई बुद्धिजीवियों और कलाकारों से मिलने का मौका भी मिल सकता है।

अगर आप वहां अपने बच्चों को भी ले जाते हैं, तो उनकी रुचि भी इस तरफ बढ़ेगी और वह परिष्कृत होगी। हो सकता है कि इससे उनके मन में भी कला के प्रति जिज्ञासा पैदा हो और वो भी इस फील्ड में कुछ करने को सोचें। आप चाहें तो वहां से अपने बजट के भीतर कोई पेंटिग या आर्टवर्क अपने लिए ख़रीद भी सकते हैं।

पार्टनर के साथ रोमांटिक पल बिताएं
आजकल लोगों पर काम का बोझ इतना ज़्यादा बढ़ गया है कि आम तौर पर लोगों की ज़िंदगी मशीन की तरह हो गई है। प्रोफेशनल लाइफ का प्रेशर लोगों को उनके पार्टनर से भी दूर करता चला जा रहा है। लोग अगर अपने पार्टनर के साथ कुछ अंतरंग पल बिताते हैं, तो भी उनमें वो नेचुरल प्लेज़र नहीं मिलता। सेक्स को भी लोग एक रूटीन एक्टिविटी के रूप में लेने लगे हैं। इससे धीरे-धीरे मैरिड लाइफ बहुत बोरिंग हो जाती है और इसका साइड इफेक्ट ख़तरनाक होता है।

इसलिए, खासकर छुट्टी के दिनों में अपने पार्टनर के साथ कहीं दूर घूमने निकल जाएं और दिल खोल कर जी भर बातें करें। अपने अनुभवों के शेयर करें, क़िस्से-कहानियां और जोक्स सुनाएं। एक-दूसरे की प्रशंसा करें। एक-दूसरे से उनकी चाहत के बारे में पूछें। किसी खास जगह पर जाकर डिनर करें।

इससे आपमें नया उत्साह पैदा होगा और आप जोश से भर उठेंगे। इससे आपकी सेक्स लाइफ में भी नई बहार आ जाएगी और अगले दिन आप ख़ुद को इतना तरो-ताजा महसूस करेंगे मानो हवा के पंखों पर सवार हों। ये आपके प्रोफेशनल लाइफ में भी मददगार होगा।
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