हथकरघा बुनकरों के लिए मजदूरी सुनिश्चित कराने के उपाय जरूरी: मोदी

हथकरघा बुनकरों के लिए मजदूरी सुनिश्चित कराने के उपाय जरूरी: मोदी चेन्नई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में हथकरघा उद्योग को मजबूत बनाने की जोरदार पैरवी करते हुए हथकरघा उत्पादों को वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहन देने तथा हथकरघा बुनकरों को उचित मजदूरी का उनका अधिकार सुनिश्चित कराने के लिए जरूरी कदम उठाने पर बल दिया।

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोहों का उदघाटन करते हुए मोदी ने फिल्म उद्योग से हथकरघा परिधानों को भी फिल्मों के जरिये लोकप्रिय बनाने की अपील की। मोदी ने कहा कि हमारे प्रयासों का मुख्य उद्देश्य अपने बुनकरों की मजदूरी बढ़ाना है। हमें ऐसी प्रणाली बनाने की जरूरत है, जिससे उन्हें उचित मजदूरी मिलना सुनिश्चित हो सके।

भारतीय हथकरघा उद्योग की वैश्विक पहुंच के बावजूद उचित ब्रांडिंग के अभाव पर चिंता जताते हुए मोदी ने कहा कि इसे वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के उपाय करने तथा हथकरघा उत्पादों की बिक्री के लिए ई-कॉमर्स का दायरा बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि फिल्म उद्योग देश में फैशन को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मोदी ने कहा कि फिल्म निर्माता हथकरघा उत्पादों को लोकप्रिय बना सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कपड़ा मंत्रालय से हथकरघा में अभिनव डिजाइन और ब्रांडिंग पहल के लिए पुरस्कार शुरू करने को भी कहा। मोदी ने कहा कि सरकार हथकरघा बुनकरों की आमदनी का स्तर बढ़ाने को प्रतिबद्ध है। साथ ही उन्होंने बुनकरों के परिवारों के लिए एक बेहतर सामाजिक कवर स्थापित करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि बुनकरों की आय को सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाएगा जिससे बिचौलिये किसी तरह का लाभ नहीं ले सकें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के लाभ के लिए तीन नई सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शुरू की गई हैं। हथकरघा बुनकरों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी प्रतिबद्धता व लगाव की तुलना बेटी का लालनपोषण करने वाली मां से की जा सकती है। हथकरघा का इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि हथकरघा वस्त्र पहन कर कोई व्यक्ति इसकी तुलना एक मां द्वारा दिए गए भोजन से कर सकता है, जो काफी प्रेम और लगाव के साथ तैयार किया जाता है।

मोदी ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में उन्होंने लोगों से खादी का इस्तेमाल करने को कहा था जिसके बाद खादी की बिक्री में 60 प्रतिशत का उछाल आया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर यह भी कहा कि उनका जोर इस बात पर है कि राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रमों का आयोजन दिल्ली के बजाय अन्य स्थानों पर भी किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसी बुनकर को किसी विशेष रूप से डिजाइन साड़ी तैयार करने में महीनों लग सकते है। ऐसे में यह जरूरी है कि उनकी आय के स्तर का संरक्षण हो। उन्होंने बताया कि सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों के लिए 20,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ मुद्रा बैंक और 3,000 करोड़ रुपये का एक ऋण गारंटी कोष बनाने की घोषणा की है।

मुद्रा बैंक में ऋण की तीन श्रेणियां रखी गयी है जिनमें शिशु 50 हजार रुपये तक, किशोर पांच लाख रुपये तक और तरण श्रेणी का ऋण 10 लाख रुपये तक के लिए है। उन्होंने कहा कि 50 हजार रुपये तक का ऋण 60 प्रतिशत रखने का प्रयास है।
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