याकूब की बीवी की वकालत करने वाले घोसी को पद से हटाया

याकूब की बीवी की वकालत करने वाले घोसी को पद से हटाया मुंबई: समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के उपाध्यक्ष फारुख घोसी को उनके पद से हटा दिया गया है। फारुख ने इससे पहले एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव को पत्र लिखते हुए 1993 बम ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन की पत्नी को राज्यसभा भेजने का आग्रह किया था। याकूब मेमन को उसके जुर्म के लिए 30 जुलाई को फांसी की सजा दी जा चुकी है। याकूब को फांसी दिए जाने के पहले भी इस मुद्दे पर खूब बहस और राजनीति हुई थी।

बहरहाल, एसपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने घोसी की टिप्पणी को उनकी 'निजी' और 'गैर जिम्मेदाराना' करार दिया था। घोसी से इस मामले में सफाई भी मांगी गई थी। मुलायम सिंह यादव को भेजे अपने पत्र में घोसी ने लिखा, 'राहीन कई साल तक जेल में रही। उसने कितना झेला होगा। आज मैं राहीन को बेसहारा पाता हूं और देश में ऐसे ढेर सारे मुसलमान हैं जो खुद को बेसहारा पाते हैं और जिनके लिए हमें संघर्ष करना है। हमें राहीन को राज्यसभा सदस्य बनाना चाहिए और उसे कमजोर एवं बेसहारा लोगों की आवाज बनाना चाहिए।'

याकूब की फांसी के बारे में कांग्रेस ने कहा कि मेमन को फांसी की सजा देने का फैसला उच्चतम न्यायालय का है। ऐसे में इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। घोसी के मुद्दे पर कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, 'यह उनका अपना आंतरिक पार्टीगत मामला है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि उनका एजेंडा मुद्दे को सांप्रदायिक मोड़ देना है। मेमन को फांसी देने का फैसला उच्चतम न्यायालय ने किया और इस लिए अब मामले को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।'
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