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गद्दारों ने कश्मीर में लहराए पाकिस्तानी झंडे, ठुकराई ईद की मिठाई

जनता जनार्दन संवाददाता , Jul 18, 2015, 12:59 pm IST
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गद्दारों ने कश्मीर में लहराए पाकिस्तानी झंडे, ठुकराई ईद की मिठाई श्रीनगरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जम्मू दौरा होने के 24 घंटे के अंदर कश्मीर में पाकिस्तान और आईएसआईएस के झंडे दो बार नजर आ चुके हैं। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कश्मीर में अलगाववादी समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी।

शनिवार को ईद के दिन भी हालात नहीं सुधरे। इस बीच, पाकिस्तान की तरफ से इस महीने 8वीं बार सीजफायर तोड़े जाने की खबर है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक पाकिस्तान रेंजर्स ने राजौरी के नौशेरा सेक्टर में फायरिंग कर सीजफायर तोड़ा। यही नहीं, पाकिस्तान ने पंजाब के अटारी में वाघा बॉर्डर पर बीएसएफ की तरफ से ईद के मौके पर दी गई मिठाई भी ठुकरा दी।

शनिवार सुबह कश्मीर के बाकी इलाकों में मनाई जा रही थी लेकिन श्रीनगर के ईदगाह इलाके में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। उन्होंने पाकिस्तान और आईएसआईएस के झंडे दिखाए। पुलिस पर जमकर पथराव किया। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में आंसू गैस के गोले दागे।

अनंतनाग और कुपवाड़ा जिले में भी ऐसा ही हुआ। बता दें कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भी पुलिस और प्रदर्शकारियों के बीच झड़पें हुईं थीं। नोहट्टा इलाके में जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान और आईएसआईएस के फ्लैग लहराए थे।

प्रदर्शनकारी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को नजरअंदाज किए जाने के खिलाफ सड़कों पर हैं। बताया जाता है कि प्रदर्शनकारी गिलानी को नमाज की इजाजत दिए जाने की मांग कर रहे थे लेकिन पुलिस ने इससे इनकार कर दिया। गिलानी को 15 अप्रैल को दिल्ली से लौटने के बाद ही नजरबंद कर दिया गया था।

शुक्रवार को ईडी ने भी हुर्रियत के दो नेताओं के खिलाफ टेररिस्ट फंडिंग मामले में चार्जशीट दायर की है। शनिवार को गिलानी के सपोर्टर्स उनके घर के आगे इकट्ठा हो गए। ये लोग मांग कर रहे थे कि गिलानी पर से नजरबंदी हटाई जाए। जब पुलिस ने ये मांगें मानने से इनकार किया तो गिलानी के समर्थकों ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिए।
   
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर में बार-बार आईएसआईएस और पाकिस्तान के झंडे दिखने के मामलों की जांच की है। शुरुआती जांच में शक की सुई पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर गई। बताया जाता है कि आईएसआई ही झंडों के लिए फंडिंग करती है।

जम्मू कश्मीर में इस साल कुछ मौकों पर आईएसआईएस के झंडे देखे गए थे। जून में तीन बार ऐसी घटना हुई थी। बताया जाता है कि आईएस के झंडे रखने वाले युवकों को सर्विलांस पर रखा गया था।

एक टीवी चैनल के मुताबिक शुक्रवार को पुलिस और सरकारी अफसरों के बीच स्पेशल मीटिंग हुई। इसमें खास तौर से उन लोगों के बारे में बात हुई जो पुलिस पर हर पथराव में शामिल रहे हैं और जिन्होंने हर बार पाकिस्तान या आईएसआईएस के झंडे दिखाए हैं।

जानकारी के मुताबिक ऐसे 18 लोगों की पुलिस ने पहचान कर ली है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए तैयारी की जा रही है।

2008 में अमरनाथ यात्रा को लेकर विवाद हो चुका है। तब जम्मू कश्मीर सरकार ने 800 कनाल वन भूमि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को सौंपने का फैसला किया था। लेकिन इसके विरोध में अलगाववादियों ने कश्मीर में हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिए। जवाब में जम्मू में श्री अमरनाथ यात्रा संघर्ष समिति ने प्रदर्शन शुरू किए।

 कई जिलों में लंबे समय तक कर्फ्यू रहा। कई लोगों की मौत हुई। आर्मी बुलाई गई। दो महीने तक राज्य में अशांति के बाद सरकार और संघर्ष समिति के बीच सहमति बनी। 40 हेक्टेयर जमीन श्राइन बोर्ड को दी गई।
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