जब कंधार अपहरण के समय रॉ प्रमुख पर चीख पड़े थे फारुख अब्दुल्ला
जनता जनार्दन डेस्क ,
Jul 03, 2015, 17:24 pm IST
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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला साल 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान के अपहरण की घटना के समय यात्रियों को मुक्त कराने के बदले तीन खूंखार आतंकवादियों को छोड़ने का फैसला होने के बाद एक बैठक में तत्कालीन रॉ प्रमुख ए एस दुलाट पर चीख पड़े थे।
दुलाट ने इस वाकये को याद किया। उन्होंने कहा कि फारूक को लगा कि केंद्र सरकार का फैसला एक ‘गलती’ है और वह इस्तीफे के इरादे से राज्यपाल गिरीश चंदर सक्सेना के साथ बैठक के लिए पहुंचे थे, हालांकि राज्यपाल ने उन्हें शांत कराया। उन्होंने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा कि जब 24 दिसंबर को विमान का अपहरण हुआ तो आपदा प्रबंधन समूह की ओर से उस वक्त गड़बड़ी हुई जब विमान को अमृतसर उतरने पर नहीं रोका गया। दुलाट ने कहा, ‘कोई फैसला नहीं लेना चाह रहा था और इस असमंजस में पंजाब पुलिस के पास कोई दिशानिर्देश नहीं पहुंचाया गया। वे बहस करते रहे और विमान उड़ गया।’ पूर्व रॉ प्रमुख ने कहा कि सीएमजी ने 155 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को मुक्त करने की एवज में तीन आतंकवादियों को छोड़ने पर सहमति दी और फिर आठ दिनों के अपहरण संकट का अंत हुआ। जिन तीन आतंकवादियों को छोड़ा गया उनमें से दो मुश्ताक लतराम और मौलाना मसूद अजहर जम्मू-कश्मीर की जेल में बंद हैं। |
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