पीएम नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया वीक का किया शुभारंभ,18 लाख लोगों को रोजगार
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jul 02, 2015, 12:25 pm IST
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि ‘डिजिटल इंडिया’ भारत के भविष्य का खाका बदलने को तैयार हो गया है। क्योंकि इस अभियान से पहले ही देश में 4.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश का ऐलान हो चुका है साथ ही इससे 18 लाख लोगों को रोजगार भी मिलने की संभावना पक्की हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमें दुनिया में आ रहे बदलाव को समझने की जरूरत है। अगर हम इस बदलाव को नहीं समझ पाए तो हम बहुत पिछड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस अभियान से हर नागरिक का सपना पूरा होगा। आज हर बच्चा डिजिटल की ताकत को समझता है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में डिजिटल इंडिया सप्ताह का शुभारंभ किया। इस अभियान के तहत डिजिटल इंडिया पोर्टल, मोबाइल ऐप, माईगॉव मोबाइल ऐप, स्वच्छ भारत मिशन ऐप और आधार मोबाइल अपडेट ऐप जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके माध्यम से लोग पहली बार सरकार से सीधे तौर पर जुड़ेंगे। इसके साथ ही तमाम डिजिटल सेवा सुविधाएं शुरू हो गई हैं। डिजिटल इंडिया वीक के दौरान अरबों डॉलर के निवेश की संभावना जताई जा रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने ईडीएफ पॉलिसी डॉक्युमेंट के साथ ही डिजिटल इंडिया बुक को भी लॉन्च किया। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन 11 राज्यों में भारतनेट शुरू करेगा और देशभर में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराएगा। नेक्स्ट जेनरेशन नेटवर्क (एनजीएन) भी इस योजना का हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वभर में साइबर सुरक्षा को लेकर व्याप्त चिंताओं को मुखर करते हुए आज कहा कि भारत ‘रक्त-हीन’ साइबर युद्ध की चुनौतियों से निपटने में प्रमुख भूमिका निभा सकता है। मोदी ने देश में डिजिटल क्रांति पर जोर दिया और उद्योग से ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने को कहा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से निपटने, पारदर्शी और प्रभावी शासन उपलब्ध कराने तथा गरीब-अमीर के बीच खाई को पाटने के लिये सभी सरकारी कामकाज का डिजिटलीकरण जरूरी है। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत के पास आईटी के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं और उन्होंने देश में इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने का वादा किया। उन्होंने इस संदर्भ में विशेष रूप से नई कंपनियों (स्टार्ट अप) का जिक्र किया। आयात के मामले में पेट्रोलियम उत्पादों के बाद इलेक्ट्रानिक वस्तुओं का दूसरा स्थान है। उन्होंने भारतीय युवाओं से नवोन्मेषण का आह्वान करते हुए ‘भारत के लिए डिजाइन’ पर काम करने को कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद के कई सहयोगियों तथा भारतीय उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी में मोबाइल सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित राजकाज की सुविधा कायम किए जाने पर बल देते हुए कहा, ‘हमें ई-गवर्नेंस से एम-गवर्नेंस की ओर बढ़ना है। एम-गवर्नेंस का मतलब मोदी शासन नहीं है। इसका मतलब मोबाइल-गवर्नेंस है।’ इस मौके पर कुछ वैश्विक कंपनियों के सीईओ भी मौजूद थे। वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी भी दर्शक दीर्घा में मौजूद थे। प्रधानमंत्री को खुद भी प्रौद्योगिकी का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता है। मोदी ने आईटी के फायदों की बात करने के साथ यह भी कहा कि दुनियाभर में रक्तहीन युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। मोदी ने आईटी क्षेत्र में भारत की बढ़त को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘रक्तहीन युद्ध’ का बादल दुनिया के उपर मंडरा रहा है। दुनिया इससे भयभीत है..भारत को इसमें बड़ी भूमिका निभानी है। साइबर सुरक्षा को खतरा के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा, ‘10वीं या 12वीं पास कोई व्यक्ति हजारों मील दूर बैठकर बस एक माउस क्लिक कर आपके बैंक खाते को साफ कर सकता है।’ इस खतरे का समाधान निकालना ही होगा। उन्होंने रेखांकित किया कि जब दुनिया औद्योगिक क्रांति से गुजर रही थी, भारत पीछे रह गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका सपना ऐसा ‘डिजिटल इंडिया’ बनाना है जहां सरकारी सेवाएं मोबाइल पर नागरिकों के लिये आसानी से उपलब्ध हों। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मेरा डिजिटल इंडिया का सपना है जहां सरकार सक्रियता से सोशल मीडिया के जरिये लोगों से जुड़े..मेरा डिजिटल इंडिया का सपना है जहां साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा बने।’ उन्होंने वहां मौजूदा श्रोताओं को मार्टिन लुथर किंग के ऐतिहासिक भाषण की याद दिलायी। आईटी के लाभ का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से निपटने में मदद करता है। उन्होंने कहा, ‘प्रौद्योगिकी ने कोयला ब्लाकों की नीलामी में बड़ी भूमिका निभायी। कई कोयला ब्लाकों की नीलामी हुई लेकिन सरकार के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगा क्योंकि यह सब पारदर्शी तरीके से किया गया।’ कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली, रविशंकर प्रसाद, जेपी नड्डा, थावरचंद्र गहलोत, जुआल ओराम तथा निर्मला सीतारमण मौजूद थीं। इस मौके पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, एडीएजी के चेयरमैन अनिल अंबानी, भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील मित्तल, टाटा समूह के चेयरमैन साइरस मिस्त्री, आदित्य बिड़ला समूह के प्रमुख कुमारमंगलम बिड़ला तथा विप्रो के अजीम प्रेमजी मौजूद थे। जिन वैश्विक कंपनियों के शीर्ष अधिकारी इसमें उपस्थित थे, उसमें यूरोपीय कंपनी एयरबस के रक्षा एवं अंतरिक्ष इकाई के सीईओ बर्नहार्ड गेरवेर्ट, ताइवानी कंपनी डेल्टा इलेक्ट्रानिक्स के सीईओ पिंग चांग शामिल हैं। इस मौके पर उद्योगपतियों ने डिजिटल क्षेत्र में निवेश के बारे में मंशा जाहिर की। इस बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि 4.5 लाख करोड़ रूपये से अधिक राशि का निवेश होगा तथा 18 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे। |
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