ग्रीस संकट से भारतीय बाजारों में तेज गिरावट, क्या है ग्रीस संकट...
जनता जनार्दन डेस्क ,
Jun 29, 2015, 11:44 am IST
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एथेंस: ग्रीस के यूरो जोन में बने रहने की कोशिशें लगातार नाकाम होती नजर आ रही हैं। यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने भी ग्रीस में आपात फंडिंग बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है। इसके अलावा ग्रीस के सभी बैंक अगले 7 दिनों तक बंद रहेंगे और एटीएम से भी 60 यूरो से ज़्यादा निकालने पर रोक लगा दी गई है।
हालांकि फिलहाल ऑनलाइन बैंकिंग पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है, लेकिन फॉरेन ट्रांसफर रोक दिया गया है। बता दें कि मंगलवार 30 जून तक 1.6 अरब यूरो यानी 1.7 अरब डॉलर चुकाने की डेडलाइन है। अगर ग्रीस भुगतान नहीं करता है तो उसे डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा। ग्रीस में संकट गहराने से दुनियाभर के बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है, भारत में भी सप्ताह के पहले कारोबारी दिन बाजारों ने भारी गिरावट के साथ दिन की शुरुआत की। सेंसेक्स में 500 से भी ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी भी 150 अंक नीचे कारोबार करता नजर आया। जापान का बाजार निक्केई करीब 2 प्रतिशत तक टूटा। उधर डॉलर के मुकाबले यूरो एक महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। जानकारों का कहना है कि ग्रीस की तरफ से कैपिटल कंट्रोल एक सरप्राइज मूव है। डिफॉल्ट के लिए 20 जुलाई अहम दिन होगा। जानकारों के मुताबिक यूरो जोन से ग्रीस के निकलने का कोई बड़ा आर्थिक प्रभाव नहीं पड़ेगा और लंबी अवधि में इसका भारत पर भी कोई खास असर नहीं पड़ेगा। शॉर्ट टर्म में इसका कुछ असर पड़ने की आशंका जरूर है। जानकारों का कहना है कि अगर ग्रीस ने मंगलवार को आईएमएफ में पैसे नहीं जमा किए तो वह डिफॉल्ट नहीं करेगा, डिफॉल्ट के लिए 20 जुलाई अहम दिन होगा। जानकारों का यह भी मानना है कि जर्मनी नहीं चाहेगा कि ग्रीस यूरो जोन से बाहर चला जाए। कुछ जानकारों का मानना है कि ग्रीस के हालात और भी ज्यादा खराब हो सकते हैं। बेलआउट पर जनमत संग्रह को संसद का समर्थन ग्रीस की संसद ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय कर्जदाताओं द्वारा एक नए बेलआउट पैकेज के लिए जनमत संग्रह की योजना का समर्थन किया। 'बीबीसी' के मुताबिक, प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास ने 5 जुलाई को बेलआउट के लिए जनमत संग्रह कराने की घोषणा की थी। उन्होंने मतदाताओं से इस पैकेज को नकारने का आग्रह किया है। अंतरराष्ट्रीय कर्जदाताओं ने गुरुवार को ग्रीस के समक्ष बेलआउट पैकेज के संबंध में संयुक्त प्रस्ताव रखा था, जिसे ग्रीस ने अपमानजनक कहकर खारिज कर दिया था। यूरो क्षेत्र के भागीदार देशों ने ग्रीस के जनमत संग्रह की घोषणा की आलोचना की है और 30 जून को समाप्त निर्धारित समयसीमा के बाद बेलआउट कार्यक्रम के विस्तार के आग्रह को ठुकरा दिया है। जनमत संग्रह पर सिप्रास के प्रस्ताव को 300 सदस्यीय संसद में कम से कम 179 सांसदों का समर्थन मिला। मीडिया रपट के मुताबिक, मतदान से पहले सिप्रास ने कर्जदाताओं द्वारा रखे गए प्रस्ताव को अपमानजनक बताया था। उन्होंने कहा कि पांच जुलाई को नहीं के पक्ष में मतदान होने से ग्रीस की स्थिति मजबूत होगी। ग्रीस संकट का असर भारतीय शेयर बाजारों में दिखने लगा है। फिलहाल बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 466 अंकों की गिरावट के साथ 27344 के स्तर पर कारोबार कर रहा है जो कि 1.68 फीसद की गिरावट है। वहीं, एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 141 अंकों की कमजोरी के साथ 8239 के स्तर पर कारोबार कर रहा है जोकि 1.7 फीसद की गिरावट है। वहीं, मिडकैप शेयरों में 2.44 फीसद और स्मॉलकैप शेयरों में 2.67 फीसद की भारी गिरावट के साथ कारोबार हो रहा है। सेक्टोरियल आधार पर देखें तो सारे ही सेक्टर गिरावट के लाल निशान में नजर आ रहे हैं। बाजार को गिरावट को पीएसयू बैंक लीड कर रहे हैं और बैंकिंग सेक्टर 3.5 फीसद नीचे बना हुआ है। फाइनेंस, मीडिया, फार्मा, ऑटो और मेटल शेयरों में 2 से 2.5 फीसद तक की गिरावट दर्ज की जा रही है। इंफ्रा, आईटी और एफएमसीजी सेक्टर भी जोरदार गिरावट दिखा रहे हैं। दिग्गज शेयरों में बीपीसीएल को छोड़कर बाकी सारे शेयर लाल निशान में नजर आ रहे हैं। बीपीसीएल 1.64 फीसद की तेजी दिखा पा रहा है। गिरने वाले दिग्गज शेयरों में बैंक ऑफ बड़ौदा 3.67 फीसद नीचे है और टाटा मोटर्स 3.45 फीसद कमजोर है। एसबीआई में 3.34 फीसद की गिरावट देखी जा रही है। पीएनबी में 3 फीसद की सुस्ती के साथ कारोबार हो रहा है। आईसीआईसीआई बैंक और हिंडाल्को 2.82 फीसद की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। मिडकैप शेयरों में रेलिगेयर एंटरप्राइजेज, केपीआईटी टेक, सीसीएल इंटरनेशन, लक्ष्मी मशीन और जेके सीमेंट 4.99-0.11 फीसद की तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं। वहीं दिग्ग्ज गिरने वाले शेयरों में श्रेई इंफ्रा, कॉक्स एंड किंग्स, एचएमटी, इंडियाबुल्स रियल और पीटीसी इंडिया फाइनेंशियल 6.49-5.85 फीसद की गिरावट दिखा रहे हैं। डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट वहीं, डॉलर के मुकाबले रुपये की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई है। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 17 पैसे प्रति डॉलर की कमजोरी के साथ 63.81 पर खुला है। हालांकि शुक्रवार को रुपया 63.64 पर बंद हुआ था। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रीस संकट के कारण डॉलर की मांग बढ़ी है, जिसका असर रुपया पर देखने को मिल रहा है। |
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