लालकृष्ण आडवाणी ने कहा आज भी है इमरजेंसी की आशंका
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jun 18, 2015, 11:46 am IST
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नई दिल्ली: बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को आज भी भारत की राजनीतिक व्यवस्था में आपातकाल की आशंका है। आडवाणी ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत की राजनीतिक व्यवस्था अब भी आपातकाल के हालात से निपटने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी नागरिक अधिकारों के निलंबन की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। वर्तमान समय में ताकतें संवैधानिक और कानूनी कवच होने के बावजूद लोकतंत्र को कुचल सकती हैं।
आडवाणी ने कहा कि 1975-77 में आपातकाल के बाद के सालों में मैं नहीं सोचता कि ऐसा कुछ भी किया गया है जिससे मैं आश्वस्त रहूं कि नागरिक अधिकार फिर से निलंबित या नष्ट नहीं किए जाएंगे। यह पूछे जाने पर कि ऐसा क्या नहीं दिख रहा है जिससे हम समझें कि भारत में फिर आपातकाल थोपने की स्थिति आ सकती है, उन्होंने कहा कि अपनी राज्य व्यवस्था में मैं ऐसा कोई संकेत नहीं देख रहा जिससे आश्वस्त रहूं। नेतृत्व से भी वैसा कोई उत्कृष्ट संकेत नहीं मिल रहा। आडवाणी ने कहा कि लोकतंत्र को लेकर प्रतिबद्धता और अन्य सभी पहलुओं में कमी साफ दिख रही है। आज मैं यह नहीं कह रहा कि राजनीतिक नेतृत्व परिपक्व नहीं है, लेकिन कमियों के कारण विश्वास नहीं होता। मुझे इतना भरोसा नहीं है कि फिर से आपातकाल नहीं थोपा जा सकती। आपातकाल को एक अपराध के रूप में याद हुए आडवाणी ने कहा कि इंदिरा गांधी और उनकी सरकार ने इसे बढ़ावा दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसा संवैधानिक कवच होने के बावजूद देश में हुआ था। आडवाणी ने कहा कि 2015 के भारत में पर्याप्त सुरक्षा कवच नहीं हैं। आडवाणी ने कहा आज की तारीख में निरंकुशता के खिलाफ मीडिया बेहद ताकतवर है। लेकिन यह लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों के लिए एक वास्तविक प्रतिबद्धता है, मुझे नहीं पता। इसकी जांच करनी चाहिए। हालांकि सिविल सोसायटी ने उम्मीदें जगाई हैं। |
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