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तलाक के बाद मां-बाप दोनों को दी जाए बच्चे की कस्टडी

तलाक के बाद मां-बाप दोनों को दी जाए बच्चे की कस्टडी नई दिल्ली: विधि आयोग ने केन्द्र सरकार को सौंपी अपनी 157वीं रिपोर्ट में तलाकशुदा दम्पत्तियों के बच्चों की परवरिश को लेकर कई सिफारिशें की हैं ताकि माता-पिता के बीच तलाक के बाद उनके बच्चों पर विपरीत प्रभाव न पड़ सके।

आयोग ने अपनी रिपोर्ट में तलाकशुदा दंपत्ति के बच्चों की एकल के मुकाबले साझा परवरिश का कानूनी प्रावधान किए जाने पर जोर दिया है।

आयोग ने बच्चों पर पति-पत्नी दोनों का प्राकृतिक अभिभावक होने की वकालत करते हुए कहा है कि अब समय आ गया कि पारिवारिक न्यायालय के निरीक्षण में भारत में साझा परवरिश की कोशिश की जानी चाहिए।

साझा परवरिश का सिद्धान्त पहले से ही अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और नीदरलैंड में मौजूद है। विधि मंत्री सदानन्द गौड़ा को सौंपी रिपोर्ट में हिन्दू मॉयनरिटी एंड गार्जियनशिप एक्ट 156 तथा गार्जियन्स एंज वाड्र्स एक्ट 1890 में संशोधन करने की बात की गई है।

कुछ ऎसे कानूनों जिसमें पिता को ही बच्चे का प्राकृतिक अभिभावक होने की बात कही गई है, को रेखांकित करते हुए आयोग ने अपनी सिफारिशों में यह भी कहा है कि एक अभिभावक होने की वरिष्ठता को हटाया जाना चाहिए और माता-पिता दोनों को समान महत्व दिया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि विधि आयोग ने "भारत में साझा परवरिश प्रणाली क्रियान्वयन" नाम से एक परामर्श पत्र जारी कर इस बारे में विशेषज्ञों से राय मांगी थी।
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