किन्नरों की दशा सुधारने में मदद दे सकता है ट्विटर
जनता जनार्दन डेस्क ,
May 22, 2015, 17:19 pm IST
Keywords: Social networking site Twitter Eunuch HIV Drugs University of California-Los Angeles (UCLA) सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर किन्नर एचआईवी मादक पदार्थ यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-लॉस एंजेलिस (यूसीएलए)
न्यूयॉर्क: सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर किन्नरों में एचआईवी, मादक पदार्थों के सेवन और तनाव जैसी समस्याओं से निपटने में मदद कर सकता है। एक शोध में यह दावा किया गया है, जिसे यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-लॉस एंजेलिस (यूसीएलए) में किया गया है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि इस समुदाय के लोग अपने से संबद्ध महत्वपूर्ण स्वास्थ्य और सामाजिक विषयों पर चर्चा के लिए सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल करते हैं। ट्विटर बिग डेटा प्रौद्योगिकी सूचनाओं का एक समृद्ध स्रोत उपलब्ध कराती है, जिसे इन समुदायों के लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। किन्नर समुदाय पर बहुत कम शोध हुआ है। यूसीएलए में प्रीडिक्शन टेक्नोलॉजी संस्थान के कार्यकारी निदेशक एवं सह शोधकर्ता सीन डी. यंग ने कहा, 'हमारे संस्थान ने इस पर शोध किया है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य जरूरतों के लिए किस तरह से सोशल बिग डेटा का इस्तेमाल किया जाए और इस जानकारी का इस्तेमाल हम किन्नर समुदाय और अनुसंधानकर्ताओं की जरूरतों के लिए करना चाहते हैं।' इन्होंने शोध के लिए एक दिन में 'ट्रांस' और 'ग्लर्सलाइकअस' हैशटैग जैसे 1,135 ट्वीट संग्रहित किए। अपने शोध में इन्होंने पता लगाया कि 54.71 प्रतिशत ट्वीट सकारात्मक सामाजिक मुद्दों के बारे में थे, जबकि 26.34 प्रतिशत नकारात्मक सामाजिक मुद्दों, भेदभाव, हिंसा, पुलिस के दुर्व्यवहार और अनदेखी के विषय में थे। इस शोध को 'जेएमआईआर मेंटल हेल्थ' पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। |
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