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इंसाफ विरोधी सरकार के खिलाफ विधानसभा पर रिहाई मंच की उठी मशाल

इंसाफ विरोधी सरकार के खिलाफ विधानसभा पर रिहाई मंच की उठी मशाल लखनऊ: इंसाफ विरोधी सरकार के खिलाफ विधानसभा पर रिहाई मंच की उठी मशाल हाशिमपुरा, मलियाना, मुरादाबाद और कानपुर संप्रदायिक हिंसा की रिपोर्टों को सार्वजनिक करो- रिहाई मंच देश मोदी-अखिलेश की निजी जागीर नहीं, अवाम तय करेगी देश का मुस्तकबिल- रिहाई मंच लखनऊ, 20 अपै्रल 2015। हाशिमपुरा जनसंहार में प्रदेश सरकार के इंसाफ विरोधी रवैए, आगरा में चर्च पर हुए हमले, हाशिमपुरा, मलियाना, मुरादाबाद और कानपुर सांप्रदायिक हिंसा पर गठित जांच आयोगों की रिपोर्टों को लागू करने और सोनभद्र के कनहर में विकास के नाम पर आदिवासियों पर फायरिंग करने वाली सपा सरकार के खिलाफ रिहाई मंच ने किया विधानसभा मशाल मार्च।

जलती हुए मशालें लिए प्रदर्शनकारी हाशिमपुरा जनसंहार की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी से कराओ, आगरा में चर्च पर हुए हमले की सीबीआई जांच कराओ, कनहर में विकास के नाम पर आदिवासियों पर पुलिसिया फायरिंग क्यों? अखिलेश यादव जवाब दो!, हाशिमपुरा, मलियाना, मुरादाबाद, कानपुर  सांप्रदायिक हिंसा के जांच आयोगों की रिपोर्टें जारी क्यों नहीं? अखिलेश यादव जवाब दो, हाशिमपुरा के 42 बेगुनाहों के हत्यारे पीएसी के जवानों को बचाने के लिए क्यों मिटाया सुबूत?, 1980 में मुरादाबाद के 284 लोगों के हत्यारों को बचाने के लिए, डीके सक्सेना जांच आयोग की रिपोर्ट पर चुप्पी क्यों? मुलायम सिंह जवाब दो, मलियाना जनसंहार का एफआईआर कैसे हुआ गायब प्रदेश सरकार जवाब दो, मुजफ्फरनगर के दंगाईयों को जमानत क्यों ? भड़काऊ भाषण देने वाले भाजपा सांसदों ? पर कार्रवाई क्यों नहीं, कानपुर सांप्रदायिक हिंसा पर गठित माथुर आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं?, आरडी निमेष कमीशन की रिपोर्ट पर कार्रवाई क्यों नहीं सपा सरकार जवाब दो लिखी तख्तियों के साथ विधानसभा पर प्रदर्शन किया।

रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि विधानसभा पर उठी यह मशाल मुल्क में फासीवाद के प्रतीक गुजरात की तरफ बढ़ते यूपी सरकार के इंसाफ विरोधी रवैए के खिलाफ है। जिस तरह से गुजरात में सांप्रदायिक जनसंहारों और उनके इंसाफ का कत्ल किया गया वही हालात हाशिमपुरा से लेकर मुजफ्फरनगर नगर तक यूपी में है। जिस विकास के भ्रम का मोदी ने प्रचार करके आदिवासी जनता की जमीनें हड़पी, हजारों किसान आत्महत्या को मजबूर हुआ ठीक उसी नक्शेकदम पर यूपी है। जहां सिर्फ मार्च की बेमौसम बारिश के बाद 450 किसान आत्महत्या कर चुके हैं तो वहीं कनहर में आदिवासी जनता पर गोलियां चलवाई जा रही है और मुख्यमंत्री अखिलेश ड्रीम प्रोजेक्ट के नाम पर अन्न उपजाने के वाले खेतों को जेसीबी से रौदवाकर सड़कें बनवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज हम विधानसभा पर इंसाफ की इस मशाल को जलाकर यह चेतावनी देने आए हैं
कि किसी अखिलेश, मोदी के इंसाफ विरोधी ड्रीम प्रोजेक्ट पर देश नहीं चलेगा। किसी मुल्क का निर्माण अवाम करती है और अवाम तय करेगी मुल्क का मुस्कबिल।

विधानसभा मशाल मार्च में सामाजिक न्याय मंच के अध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह, आईएनएल के अध्यक्ष मो. सुलेमान, सलीम बेग, सीपीएम के प्रदीप शर्मा, सीपीआई एमएल के मो. सलीम, ताहिरा हसन, लक्ष्मण प्रसाद, पुष्पा बाल्मिक, इनायतुल्ला खान, डा. अली अहमद, नदीम जावेद, एखलाख चिश्ती, प्रो. इस्तेफाक रसूल, शाहआलम शेरवानी, हाजी फहीम सिद्दीकी, आफाक, जैद फारुकी, शकील कुरैशी, कमर अहमद, अबु कैश, एहशानुल हक मलिक, शिवनारायण कुशवाहा, होमेंद्र, खालिद कुरैशी, जनचेतना के सत्यम वर्मा, गीतिका, आली की छवि सहाय कृति कक्कड़, एसएफआई से प्रवीण पाण्डेय, सैयद वसी, सैयद मोइद, अनिल यादव, मोजीद अहमद, शौकत अली, अशफाक अली, नागरिक परिषद के रामकृष्ण, कल्पना पाण्डेय, वर्तिका शिवहरे, मनन, मनु, देवी दत्त पाण्डे, खालिद कमाल, मो. आलम, एडवोकेट शमी, आदियोग, रिफत, वर्तिका, रामबचन, शाहनवाज आलम आदि शामिल हुए।
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