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मिस्टर एक्स: 'इनविजिबल' इमरान और रोमांच का असरदार तानाबाना

मिस्टर एक्स: 'इनविजिबल' इमरान और रोमांच का असरदार तानाबाना नई दिल्ली: गायब होने जैसे सब्जेक्ट पर मिस्टर इंडिया फिल्म बनी थी। इस फिल्म ने कमाल की कामयाबी हासिल की थी और दर्शकों के हर वर्ग में लोकप्रिय हुई थी। तब से लेकर आजतक कामयाबी के उस फार्मूले को कोई भी भुना नहीं पाया है। अब एक बार फिर भट्ट कैंप ने इसी कोशिश के तहत विक्रम भट्ट ने 'मिस्टर एक्स' का निर्माण किया है।

फिल्म में 'मिस्टर एक्स' की भूमिका निभाई है इमरान हाशमी और उनके साथ हैं अमायरा दस्तूर और अरुणोदय सिंह। ‘मिस्टर एक्स’ के हीरो इमरान हाशमी के पास गायब होने शक्ति है। लेकिन कहानी में कुछ भी नयापन नहीं है। फिल्म को मजेदार और नए तरीके से फिल्मा पाने में विक्रम भट्ट नाकाम रहे है।

रघु राठौड़ (इमरान) और सिया वर्मा (अमायरा दस्तूर) आतंकवादी विरोधी दस्ते में पुलिस अधिकारी हैं और एक दूसरे से प्यार करते हैं। रघु अपने विभाग की ही साजिश का शिकार हो जाता है और एक बम ब्लास्ट में उसे मारने की कोशिश होती है। वह बुरी तरह घायल अवस्था में फार्मास्यूटिकल रिसर्च सेंटर में पहुंचता है। यहां उसे जो दवा पिलाई जाती है उससे उसके पास अदृश्य होने की शक्ति आ जाती है। फिर इसके बाद उसका बदला लेने का मिशन शुरू होता है।
 
अदृश्य इंसानों पर यूं तो कई फिल्में बन चुकी हैं, फिर चाहे वह अशोक कुमार की 'मिस्टर एक्स' हो, किशोर कुमार की 'मिस्टर एक्स इन बॉम्बे', अनिल कपूर की 'मिस्टर इंडिया' या फिर तुषार की 'गायब'।  इमरान हाशमी की 'मिस्टर एक्स' में आप नयापन न ढूंढें तो बेहतर है। फिल्म के कुछ सीन फिल्म की रफ्तार धीमी करते हैं। फिल्म की स्क्रिप्ट में कोई जान नहीं है। फिल्म में कई सींस को देखकर ऐसा लगता है कि इन्हें ठूंसा गया है।

लेकिन फिल्म में एक चीज बेहद अच्छी है। तकनीक के इस युग में स्पेशल इफेक्ट्स इस फिल्म की जान है जो दर्शकों को बहुत देर तक बांधे रखते है। इन सींस को काफी अच्छे तरीके से फिल्माया गया है। फिल्म के एक्सन सींस और क्लाइमैक्स दर्शकों को भा सकते है। फिल्म 2डी और थ्रीडी दोनों में रिलीज हुई है। कुल मिलाकर फिल्म तकनीकी पक्ष और स्पेशल इफेक्ट्स के लिए देखी जा सकती है। लेकिन फिल्म में नयापन होने की उम्मीद करना बेकार होगा।
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