20 साल की रुपरेखा तैयार करें आरबीआई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

20 साल की रुपरेखा तैयार करें आरबीआई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई: आरबीआई की स्थापना के 80 साल पूरे होने पर आयोजित फाइनैंशल इंक्लूजन कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने समाज के गरीब वर्ग को आर्थिक विकास से जोड़ने पर जोर दिया। पूरे भाषण के दौरान उनका जोर गरीबों के आर्थिक सशक्तीकरण, देश के आर्थिक विकास से गरीबों को जोड़ने और बैंकिंग सिस्टम को गरीबों के दरवाजे पर पहुंचाने पर रहा।

उन्होंने गरीबों के घर तक बैंकिंग सिस्टम को पहुंचाने के लिए आरबीआई से 20 साल का रोडमैप तैयार करने को कहा। साथ ही आरबीआई और सरकार के बीच विवाद की तमाम खबरों के बीच पीएम ने आरबीआई गवर्नर और उनकी टीम को बधाई दी।

आर्थिक विकास में गरीबों की भागीदारी कैसे बढ़ाई जा सकती है, इस संदर्भ में उन्होंने प्रधानमंत्री जन-धन योजना का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जन-धन योजना से गरीबों की अमीरी का पता चलता है कि जीरो बैलेंस से खाता खुलने के बावजूद भी उनलोगों ने अपने खाते में कुछ न कुछ पैसे जमा किए जिससे बैंकों में 14,000 करोड़ रुपये आए। इससे हम प्रेरणा हासिल कर सकते हैं।

बैंकिंग सेक्टर की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि अमीर से अमीर व्यक्ति भी भले ही अपने फैमिली मेंबर को समय दे या न दे लेकिन बैंकर्स के पास कुछ घंटे तो जरूर बिता लेता है। गरीब वर्ग को अपना परिवार बताते हुए उन्होंने कहा कि अमीरों की भी जब पैसे की जरूरत होती है तो बैंक के पास जाता है, यही सोचकर मैं भी अपने परिवार के लिए मांगने आया हूं। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि जब आप 80 साल मना रहे हैं तो आप मुझे निराश नहीं करेंगे।

उन्होंने आर्थिक विकास से गरीबों की जोड़ने की वकालत करते हुए कहा कि आजादी के करीब 60 साल बाद भी 50 फीसदी लोगों तक बैंकिंग सुविधा नहीं पहुंची है। उन्होंने कहा कि गरीबों के प्रति हमारा सामूहिक नजरिया बदलना चाहिए। नजरिए बदलने के बाद ही हम फाइनैंशल इन्कलूजन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने आरबीआई को फाइनैंशनल इन्कलूजन के लिए 20 साल का रोडमैप तैयार करने को कहा।

गरीब वर्ग के द्वारा किए जाने वाले श्रम पर प्रकाश डालते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गरीब वर्ग को सिर्फ आपकी प्यार भरी बातों से ही संतोष हो जाता है। इस संबंध में उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि आपको अपने सिस्टम को नंबर वन, नंबर टू और नंबर थ्री एंप्लॉयीज को खुश रखने के लिए कितनी जतन करनी पड़ती है लेकिन एक वर्ग 4 के कर्मचारी को कुछ नहीं चाहिए होता है। उनको सिर्फ प्यार से बोलते हैं उसमें ही संतोष हो जाता है। हमें उनके इस समर्पित भाव का उपयोग देश के विकास में करना चाहिए और अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान में करना चाहिए।
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