हवाई यात्रा के समय दिल के मरीज रखें सावधानी
जनता जनार्दन डेस्क ,
Feb 17, 2015, 12:21 pm IST
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नई दिल्ली: आज के समय में हवाई यात्रा यातायात का सबसे सुलभ जरिया हो गया है और बहुत सारे हवाई यात्री ऐसे भी होते हैं, जिन्हें सांस संबंधी बीमारियां या दिल की बीमारियां होती हैं तो उन्हें हवाई जहाज में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है।
ऐसे लोगों को सुरक्षित यात्रा के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। ऐसे मरीजों की जांच करते समय डॉक्टरों को उनके लिए हवाई यात्रा संबंधी अनुमति देने से पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। हवाई जहाज के केबिन में पूरा दबाव होता है, बावजूद इसके बेहद ऊंचाई पर पहुंचने की स्थिति में फेफड़े की बीमारी से पीड़ित मरीजों को ऑक्सीजन की कमी महसूस हो सकती है। ऐसे मरीज जो हाई रिस्क में आते हैं, उन्हें जहाज में सप्लीमेंटल ऑक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है। अगर एसपीओ2 या ब्लड ऑक्सीजन का स्तर 95 फीसदी से अधिक है तो मरीज को क्लीयरेंस दे दें। उन्हें आगे के जांच की कोई जरूरत नहीं। अगर व्यक्ति को गंभीर बीमारी है और एसपीओ2 का स्तर 95 फीसदी से अधिक है तो बेहतर है उसका 6 मिनट का वॉक टेस्ट किया जाए।अगर एसपीओ2 92 फीसदी से कम है तब व्यक्ति को फ्लाइट के अंदर सप्लीमेंटल ऑक्सीजन की जरूरत पड़ेगी। |
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