आरबीआई नीतिगत दरें और घटा सकता है: सुब्रमणियन
जनता जनार्दन डेस्क ,
Jan 27, 2015, 14:21 pm IST
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दावोस: मुद्रास्फीति को कम करने में मदद के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की भूमिका की प्रशंसा करते हुए वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने कहा है कि वह नीतिगत दरों में अभी और कटौती कर सकता है। उनकी राय मूल्यों में गिरावट से आरबीआई के पास मौद्रिक नीति ढीली करने की गुंजाइश बनी है।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक में हिस्सा लेने पिछले दिनों यहां आए सुब्रमणियन ने कहा ‘मुझे लगता है कि आरबीआई का जिम्मा है मुद्रास्फीति में नरमी लाना तथा इसको नीचे बनाए रखना। अब जबकि मुद्रास्फीति में गिरावट से मौद्रिक नीति में ढील की गुंजाइश बनी है, आरबीआई ने इसकी शुरुआत कर दी है।’ गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने लंबे अंतराल के बाद अचानक बीच में 15 जनवरी को अपनी अल्पकालिक दर रेपो में 0.25 प्रतिशत कम कर दी। सुब्रमणियन ने कहा ‘आरबीआई के अपने बयान के मुताबिक यह सिर्फ दर में बदलाव नहीं है बल्कि नीतिगत रुख में बदलाव है। यदि मुद्रास्फीति कम बनी रही तो नीतिगत दर और कम की जा सकती है। विश्व आर्थिक मंच के मौके पर आईसीआईसीआई बैंक की चंदा कोचर, कोटक समूह के उदय कोटक समेत कई उद्योगपतियों ने भी कहा कि आरबीआई नीतिगत दरों में नरमी पर विचार कर सकता है क्योंकि मुद्रास्फीति नियंत्रण में नजर आ रही है। सुब्रमणियन ने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कराधान विदेशी निवेश के लिए अतिरिक्त बोझ न हो। कारोबार सुगम बनाने के लिहाज से उन्होंने कहा ‘इस लिहाज से भूमि अधिग्रहण कानून, श्रम कानून और सुधार संबंधी पहलें हो रही हैं। उन्होंने कहा ‘इन पहलों से रैंकिंग में क्या मदद मिली, यह देखने के लिए विश्वबैंक की रपट का इंतजार करना होगा।’ रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की अगली द्विमासिक समीक्षा तीन फरवरी को करने वाला है। |
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