पिछले दो दशकों में मीडिया की रूपरेखा में बदलाव आया है: श्री अरुण जेटली
जनता जनार्दन डेस्क ,
Jan 19, 2015, 12:41 pm IST
Keywords: केन्द्रीय वित्त कारपोरेट कार्य एवं सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अरुण जेटली मीडिया प्रकृति विषयवस्तु समाचार की परिभाषा स्वतंत्रता एवं उत्तरदायित्व इलैक्ट्रॉनिक मीडिया Finance Corporate Affairs and Information and Broadcasting Shri Arun Jaitley Media Nature Content Definition of news Freedom and Responsibility Electronic media
नई दिल्ली: केन्द्रीय वित्त, कारपोरेट कार्य एवं सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा है कि पिछले दो दशकों में मीडिया की प्रकृति और विषयवस्तु तथा समाचार की परिभाषा में बदलावों की वजह से मीडिया की स्वतंत्रता एवं उत्तरदायित्व से संबंधित परम्परागत रूपरेखा में बदलाव आया है। आज इलैक्ट्रॉनिक मीडिया में समाचार, कैमरे में कैद होने वाली घटना से परिभाषित होने लगे हैं। वर्तमान परिदृश्य में, तकनीक इन बदलावों की संचालक शक्ति बन चुकी है।
तकनीक का प्रभाव बहुत गहरा है, क्योंकि सूचना का प्रसार डिजिटल स्पेस सहित विविध तकनीकी उपकरणों और मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 24x7 हो रहा है। श्री जेटली ने यह बात न्यूज ब्रॉडकॉस्टर्स एसोसिएशन की ओर से ‘मीडिया की स्वतंत्रता एवं उत्तरदायित्व’ विषय पर आज यहां आयोजित ‘प्रथम न्यायमूर्ति जे.एस.वर्मा स्मारक व्याख्यान’ के अवसर पर कही। श्री जेटली ने कहा कि तकनीकी विकास ने सेंसरशिप के स्वरूप को निरर्थक कर दिया है और मीडिया की चुनौतियां स्वामित्व के स्वरूप, पेड न्यूज जैसे विकार उत्पन्न करनेवाली वित्तीय वहनीयता और वित्तीय मॉडल्स के संदर्भ में उसी के भीतर विद्यमान हैं। श्री जेटली ने आगे कहा कि मीडिया के समक्ष गुणवत्ता, संवेदनशील मामलों के संबंध में शिक्षक की भूमिका निभाने के उत्तरादायित्व सहित विश्वसनीयता सुनिश्चित करने की चुनौतियां हैं। हितों के टकराव के मामले में भी उच्च नैतिक मापदंड बरकरार रखना चुनौतीपूर्ण है, जहां मीडिया को बहुत सावधान रहने की जरूरत है। डिजिटल मीडिया के बारे में श्री जेटली ने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म को उत्तरदायित्व के अपने मापदंड विकसित करने चाहिये, क्योंकि यह सूचना के प्रसार का वैकल्पिक मंच बनकर उभरा है। श्री जेटली ने कहा कि सुरक्षा, सामाजिक तनाव, व्यक्तियों की निजता और विचाराधीन संकेतार्थों वाले मामलों में मीडिया का उत्तरदायित्व महत्वपूर्ण है। मीडिया को विचाराधीन मामलों की रिपोर्टिंग करते समय समानांतर मुकद्दमे चलाने से बचने की आवश्यकता है। श्री जेटली ने मीडिया की स्वतंत्रता एवं उत्तरदायित्व से संबद्ध सभी मामलों पर सभी हितधारकों में रचनात्मक विचार विमर्श शुरू किये जाने की जरूरत का भी उल्लेख किया। अपने सम्बोधन के दौरान, श्री जेटली ने मानवाधिकारों, महिलाओं की समानता, ईमानदारी और मीडिया की स्वतंत्रता के क्षेत्र में समाज की अंतर्रात्मा के रक्षक के रूप में न्यायमूर्ति जे. एस. वर्मा के उल्लेखनीय योगदान को याद किया। |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|