ऑनलाइन शॉपिंग में हो रही तेजी से वृद्धि

ऑनलाइन शॉपिंग में हो रही तेजी से वृद्धि नई दिल्ली: भारतीयों का ऑनलाइन खरीद पर औसत खर्च अगले साल करीब 67 प्रतिशत बढ़कर 10,000 रुपए पर पहुंच जाएगा। एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है।

उद्योग मंडल एसोचैम-पीडब्ल्यूसी अध्ययन में कहा गया है कि इस साल भारतीयों का आनलाइन शॉपिंग पर औसत खर्च 6,000 रुपए है। सामान की ऑनलाइन खरीदारी देश-दुनिया में तेजी से लोकप्रिय होती जा रही है। यह सालाना 35 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। यही वजह है कि ई-कामर्स उद्योग तेजी से बढ़ता हुआ अगले पांच साल में 100 अरब डॉलर के पार हो जाएगा।

इस समय यह 17 अरब डालर पर है। इसमें कहा गया कि जिस तेजी से कंप्यूटर के जरिये ऑनलाइन खरीद-फ रोख्त बढ़ रही है। उसे देखते हुये 2015 तक प्रतिव्यक्ति ऑनलाइन खरीदारी 67 प्रतिशत बढ़कर 10,000 रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है। इस दौरान खरीदारों की संख्या भी चार करोड़ से बढ़कर 6.5 करोड़ के आंकड़े पर पहुंच जायेगी।

एसोचैम और प्राइस वाटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) के इस संयुक्त अध्ययन के मुताबिक 2014 ई-कामर्स का साल रहा।  वर्ष के दौरान ई-कामर्स उद्योग की तरफ कई बड़े निवेशकों का ध्यान आकर्षित हुआ। प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा और अजीम प्रेमजी सहित कई वैश्विक कंपनियों ने क्षेत्र में निवेश किया। फ्लिपकार्ट और स्नैपडील अमेजन से बेहतर  देश में फ्लिपकार्ट और स्नैपडील आदि ब्रांड अमेजन जैसी वैश्विक कंपनियों के मुकाबले बेहतर स्थिति में दिखे।

एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा कि कुल ऑनलाइन खरीदारी में परिधानों की बिक्री की बड़ी हिस्सेदारी बरकरार है। कंप्यूटर और कंज्यूमर इलेक्ट्रानिक्स समेत परिधानों की ऑनलाइन बाजार वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका बनी रहेगी। स्मार्टफोन और टैबलेट की खरीदारी ऑनलाइन बाजार की वृद्धि में अग्रणी भूमिका बनी रहेगी।

ई-कामर्स कारोबार में मोबाइल बिक्री का हिस्सा 11 प्रतिशत है, 2017 तक यह बढ़कर 25 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है। अध्ययन के अनुसार 2015 में कंप्यूटर, कंज्यूमर इलेक्ट्रानिक्स और परिधान तथा एक्सेसरीज का कुल बिक्री में हिस्सा 39 प्रतिशत से बढ़कर 42 प्रतिशत हो जायेगा।

रपट के मुताबिक इंटरनेट उपयोग करने वाली करीब एक तिहाई आबादी आनलाइन खरीदारी कर रही है। आने वाले दिनों में इनकी खरीद बढ़ने का अनुमान है। इसी पर उद्योग की वृद्धि निर्भर करेगी। रावत ने कहा कि बहुत से खरीदार इसलिए आनलाइन खरीद करते हैं कि उन्हें बेहतर विकल्प मिलते हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा एवं पर्यटन उद्योग का 75 प्रतिशत हिस्सा ई-कामर्स के जरिए परिचालन कर रहा है। 

रपट के मुताबिक फि लहाल ई-खुदरा कारोबार के भंडारण और लाजिस्टिक्स में अनुमानित तौर पर 25,000 लोग कार्यरत हैं और 2017-2020 तक सिर्फ  इन खंडों में 1,00,000 अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति होगी।

इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में 6,000 करोड़ का निवेश नई दिल्ली। सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण योजनाओं के तहत पिछले छह महीने में करीब 6,000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डेइटी) के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले छह महीने में हमें करीब 18,000 करोड़ रुपए के प्रस्ताव मिले और उनमें से ज्यादातर वित्तीय खाताबंदी के साथ मिले। अब तक 6,000 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को मंजूरी मिल चुकी है।

अधिकारी ने कहा कि पिछले साल सिर्फ  भारत में मौजूद कंपनियां ही प्रस्ताव लेकर आईं थी ताकि अपने संयंत्रों का विस्तार कर सकें, लेकिन पिछले छह महीने में मौजूदा और नई दोनों तरह की कंपनियों से प्रस्ताव मिले। जिन कंपनियों ने निवेश प्रस्ताव पेश किए उनमें नाइडेक, कांटिनेंटल, मदरसन सुमी, कैल्सोनिक कान्सेई, टिसॉल, टाटा एसईडी, तेजस, पैनासोनिक और अन्य शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा कि विभिन्न खंडों की करीब 25-40 नई कंपनियों ने निवेश प्रस्ताव पेश किए। अब हर जगह के लोग भारत सरकार के इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण अभियान के प्रति आश्वस्त हैं।
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