कोयला घोटाला: मनमोहन सिंह से होगी पूछताछ?
जनता जनार्दन डेस्क ,
Dec 16, 2014, 14:03 pm IST
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नई दिल्ली: सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने कोयला घोटाले के एक मामले में जांच एजेंसी की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला की कंपनी हिंडाल्को को कोल ब्लॉक आवंटित किए जाने के मामले में कोर्ट ने और जांच की जरूरत पर बल देते हुए तत्कालीन कोयला मंत्री का बयान दर्ज करने का निर्देश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी।
वर्ष 2005 में जब बिड़ला की कंपनी हिंडाल्को को ओडिशा के तालाबीरा द्वितीय और तृतीय में कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए थे, तब कोयला मंत्रालय का प्रभार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास था। सीबीआई कोर्ट के रुख के बाद सीबीआई को अब मनमोहन सिंह का बयान रिकॉर्ड करना होगा। हालांकि, जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि तुरंत ऐसा करने की कोई योजना नहीं है। इससे पहले 25 नवंबर को सुनवाई के दौरान स्पेशल सीबीआई जज भरत पाराशर ने सीबीआई से सवाल किया था कि उसने कोयला घोटाले के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूछताछ क्यों नहीं की, जबकि हिंडाल्को को कोल ब्लॉक आवंटित किए जाने के वक्त 2005-09 के दौरान सिंह ही कोयला मंत्री भी थे। इस पर जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में पीएम ऑफिस के अधिकारियों टीकेए नायर और जावेद उस्मानी से पूछताछ की गई थी। उनके बयानों के आधार पर तत्कालीन कोयला मंत्री का बयान लेने की जरूरत महसूस नहीं हुई। इसके बाद कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या साफ तस्वीर पेश करने के लिए तत्कालीन कोयला मंत्री बयान जरूरी नहीं था? इस पर सीबीआई ने साफ किया कि उसे मनमोहन सिंह से पूछताछ की इजाजत ही नहीं दी गई थी। कोर्ट ने केस डायरी और क्राइम फाइल बंद लिफाफे में तलब करते हुए अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी। इससे पहले रिपोर्ट आई थी कि पिछले साल सीबीआई के एसपी के आर चौरसिया ने सिफारिश की थी कि सिंह से सीबीआई को सवाल करने चाहिए, लेकिन उस समय डायरेक्टर रंजीत सिन्हा ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि अभी इसका वक्त नहीं आया है। तब विपक्ष में रही बीजेपी ने इस मामले में सिंह से पूछताछ न करने के लिए सीबीआई को निशाने पर लिया था। सीबीआई ने अक्टूबर 2013 में बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पी.सी. पारेख के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार की रिपोर्ट दर्ज की। इसके बाद पीएमओ ने इस बात का लंबा स्पष्टीकरण दिया था कि मनमोहन सिंह के ऑफिस ने हिंडाल्को को अलॉटमेंट की मंजूरी क्यों दी थी। हालांकि सीबीआई ने 28 अगस्त को इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी। इसमें कहा गया कि जांच के दौरान मिले सबूत आरोपों की पुष्टि नहीं करते, लेकिन स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर आर एस चीमा ने स्पेशल कोर्ट में इस पर ऐतराज जताया था और कहा था कि इस मामले में सुनवाई करने के लायक सबूत हैं। |
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