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खुदकुशी की कोशिश अब अपराध नहीं, हटेगी धारा 309

खुदकुशी की कोशिश अब अपराध नहीं, हटेगी धारा 309 नई दिल्ली: आत्महत्या की कोशिश जल्दी ही अपराध की श्रेणी से हट जाएगी। विधि आयोग की सिफारिश पर मोदी सरकार ने आईपीसी की धारा 309 (आत्महत्या की कोशिश) को खत्म करने का फैसला किया है।

धारा 309 के तहत आत्महत्या की कोशिश पर एक साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

बुधवार को संसद में इसकी जानकारी देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि 18 राज्य और 4 केंद्र शासित क्षेत्र धारा 309 को खत्म करने के पक्ष में हैं।

गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि राज्यों की राय पर केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि इस धारा को आईपीसी से हटा दिया जाए।

लोकसभा में अगस्त में गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था, 'विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आत्महत्या की कोशिश को मानवीय आधार पर विचार करने और इसके अपराध की श्रेणी से बाहर रखने की जरूरत है।'

कानूनी खींचतान काफी पहले से
इस कानून को हटाने की कोशिश काफी पहले से हो रही है। 1978 में आईपीसी संशोधन बिल राज्यसभा में पास हो गया, जिसके जरिए सेक्शन 309 को खत्म किया जाना था। लेकिन इससे पहले कि यह बिल लोकसभा में पहुंचता, संसद भंग कर दी गई और बिल पास न हो सका।
 
1987 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला दिया कि भारतीय संविधान के तहत मिलने वाले राइट ऑफ लाइफ में जीने और जान देने, दोनों के ही अधिकार समाहित हैं। इसके साथ ही धारा 309 को खत्म कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को 1994 में बनाए रखा।

हालांकि, 1996 में पांच जजों की बेंच ने फैसला दिया कि संविधानिक तौर पर मिलने पर राइट टू लाइफ में जान देने का अधिकार शामिल नहीं है और धारा 309 वैध है। इसके बाद, 2008 में लॉ कमिशन ने इसे हटाने का सुझाव दिया।
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