आदर्श घोटालाः अशोक चव्हाण का नाम हटाने की मांग वाली याचिका खारिज

आदर्श घोटालाः अशोक चव्हाण का नाम हटाने की मांग वाली याचिका खारिज मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को झटका देते हुए बंबई हाई कोर्ट ने बुधवार को सीबीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें आदर्श सोसाइटी घोटाला मामले में आरोपी के तौर पर उनका नाम हटाने की बात कही गई थी। न्यायमूर्ति एम एल टहिलयानी ने हालांकि चार सप्ताह के लिए अपने आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी ताकि एजेंसी फैसले के खिलाफ अपील दायर कर सके।

जस्टिस ने नागपुर से टेलिकॉन्फ्रेंस के जरिए दिए गए अपने एक लाइन के आदेश में कहा, 'मैं याचिका को खारिज करने को प्रवृत्त हूं।' जस्टिस टहिलयानी नागपुर में बंबई हाई कोर्ट की एक पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं। इस मामले में आने वाले समय में विस्तृत आदेश सुनाया जाएगा। सीबीआई ने हाई कोर्ट में याचिका देकर मामले में आरोपियों की सूची से चव्हाण का नाम हटाने का अनुरोध किया था। इससे पहले, तत्कालीन राज्यपाल के शंकरनारायणन ने पिछले साल दिसंबर में पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था।

अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता केतन तिरोडकर के हस्तक्षेप आवेदन को भी खारिज कर दिया। उन्होंने आरोपी के तौर पर चव्हाण का नाम हटाने की सीबीआई की याचिका का विरोध किया था। अदालत ने जांच एजेंसी की दलील को स्वीकार किया कि मामले में उनका कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। न्यायमूर्ति टहिलयानी ने हालांकि कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का अध्ययन करेंगे जिसके बारे में तिरोडकर ने जिक्र किया है।

उस आदेश में शीर्ष अदालत ने कहा था कि इस तरह के मामलों में राज्यपाल की अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं है। इससे पहले, मामले में मुकदमा चला रही विशेष सीबीआई अदालत ने मामले में चव्हाण का नाम हटाने की सीबीआई की अर्जी को खारिज कर दिया था। इसके बाद एजेंसी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। एक अंतरिम आदेश में हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने पर रोक लगा दी थी। चव्हाण उन 13 लोगों में थे जिनके खिलाफ जुलाई 2012 में आदर्श घोटाला मामले में आरोप पत्र दायर किया गया था।

चव्हाण राज्य से कांग्रेस के दो वर्तमान कांग्रेसी सांसदों में से एक हैं। उनपर अपने रिश्तेदारों को फ्लैट आवंटित करने के बदले में आवासीय सोसाइटी को कुछ मंजूरी देने का आरोप है। साल 2010 में घोटाला सामने आने के बाद चव्हाण को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
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