शादी के बाद रिश्ते में घोलते रह‍िए मिठास...

जनता जनार्दन डेस्क , Nov 13, 2014, 13:42 pm IST
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शादी के बाद रिश्ते में घोलते रह‍िए मिठास... नई दिल्ली: हमेशा किसी न किसी चीज की तलाश में लगे रहना इंसान की फितरत होती है। जब वह एक मुकाम तक पहुंच जाता है, तो उसका ध्‍यान अपने-आप दूसरी चीज की ओर चला जाता है और वह उसे पा लेना चाहता है।

इन बातों में कोई बुराई नहीं है। समस्‍या तब शुरू होती है, जब लोग वैवाहिक संबंध के मामले में भी अपनी इस फितरत को काबू में रखने से परहेज करने लगते हैं।

जीवनसाथी की तलाश पूरी होने के बाद कुछ लोग अपने लाइफ पार्टनर से बेवफाई करने से नहीं हिचकते।

दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे में भी होते हैं, जो वैवाहिक जीवन को अटूट बंधन तो मानते हैं, लेकिन पार्टनर से पूरी तरह खुश न होने कारण मायूस हो जाते हैं। ऐसे लोगों की धारणा यह होती है कि वैवाहिक जीवन में पत्‍नी या पति के साथ रोमांस के पल बिताना मुमकिन नहीं है।

इस मर्ज का इलाज है, बशर्ते कुछ खास बातों का खयाल रखा जाए। इस मामले में जड़ हो चुकी धारणाओं को मन से दूर निकालने की सख्‍त जरूरत होती है।

1. सबसे पहली बात तो यह कि मन में यह विश्‍वास होना चाहिए कि वैवाहिक जीवन के दायरे के रहते हुए रोमांस के सुनहरे पल बिताए जा सकते हैं। इसके लिए अपने लाइफ पार्टनर को एक अलग नजरिए से देखने की जरूरत है।

2. हमेशा अपने जीवनसाथी में कोई अच्‍छी बात खोजने का प्रयास करें। सही मौके पर एक-दूसरे की तारीफ जरूर करें। सच्‍ची तारीफ से उन गुणों में और इजाफा होगा। स्त्रियों के मामले में यह बात ज्‍यादा सटीक बैठती है।

3. यह गांठ बांध लें कि कभी किसी इंसान की सारी इच्‍छाएं तृप्‍त नहीं होतीं। इच्‍छाएं सागर ही तरह अनंत होती हैं। ज्‍यों-ज्‍यों इच्‍छाएं पूरी होती जाती हैं, इनका कोलाहल बढ़ता ही जाता है।

4. एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि 35 फीसदी महिलाएं सुबह अपने पति के जगने से पहले ही साज-श्रृंगार कर लेती हैं, ताकि वे पति के सामने खूबसूरत दिख सकें। यह एक सकारात्‍मक सोच है।

5. य‍ह न भूलें कि घर में लाइफ पार्टनर के सामने भी बन-ठनकर और चुस्‍त-दुरुस्‍त रहना फायदेमंद ही साबित होता है। एक पुरानी उक्ति है कि अगर भगवान विष्‍णु भी साफ-सुथरे न रहें और अकर्मण्‍य हो जाएं, तो लक्ष्‍मी भी उन्हें छोड़ने में देर नहीं लगाएंगी। भले ही यह अतिशयोक्ति हो, पर यह बात आम लोगों में सही सोच विकसित करने के इरादे से कही गई है।

कहने का मतलब यह है कि सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका ही एक-दूसरे के लिए सजें-संवरे, तो यह सरासर नाइंसाफी है। तो फिर दांपत्य जीवन में और मिठास घोलने के लिए हो जाइए तैयार...
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