कंपनियों को कोयला खनन से नहीं रोका जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
जनता जनार्दन डेस्क ,
Oct 16, 2014, 15:03 pm IST
Keywords: उच्चतम न्यायालय कोयला ब्लाक आवंटन घोटाला कारोबार कोयला खनन बाजार The Supreme Court Coal block allocation scam Business Coal mining Market
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कोयला ब्लाक आवंटन घोटाला मामले में छह महीने के भीतर अपना कारोबार समेटने का निर्देश पाने वाली कंपनियों को इस अवधि में कोयला खनन और बाजार में उसकी बिक्री करने से रोकने से आज इंकार कर दिया।
उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच एल दत्तू के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने इन्हें अपना परिचालन बंद करने के लिए छह महीने का समय दिया था और कंपनियों को इस अवधि में कोयला निकालने से नहीं रोका जा सकता है। पीठ ने कहा, ‘ अगर वे कोयला निकालना चाहते है तब कोई उन्हें नहीं रोक सकता है। इन्हें छह महीने का समय दिया गया है। अदालत इन्हें इस अवधि में कोयला नहीं निकालने का निर्देश क्यों दें ? शीर्ष अदालत का यह निर्णय तब आया जब वकील एम एल शर्मा ने कहा कि कंपनियां प्रतिदिन के हिसाब से तीन से चार गुणा अधिक कोयला निकाल रही हैं क्योंकि उन्हें अपना परिचालन छह महीने में बंद करना है। शर्मा की याचिका पर शीर्ष अदालत ने 218 कोयला ब्लाक में से 214 का आवंटन रद्द कर दिया था। शर्मा ने कहा कि कंपनियों को ऐसा करने से रोका जाना चाहिए लेकिन उच्चतम न्यायालय ने याचिका स्वीकार करने से मना कर दिया। शीर्ष अदालत ने 24 सितंबर को साल 1993 से आवंटित 214 कोयला ब्लाक का आवंटन रद्द करते हुए इसमें गंभीर खामियों का जिक्र किया था और केंद्र सरकार को 42 ऐसे कोयला ब्लाकों का परिचालन अपने हाथ में लेने की अनुमति दी जिनमें काम चल रहा है। उच्चतम न्यायालय ने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) से 42 सक्रिय ब्लाकों का परिचालन अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि इन कोयला ब्लाकों का आवंटन रद्द किया जाना छह महीने बाद 31 मार्च 2015 से प्रभावी होगा। शीर्ष अदालत ने यह समय तब दिया जब अटार्नी जनरल ने कहा कि केंद्र और सीआईएल को बदली परिस्थति में अपने आप को व्यवस्थित करने और आगे बढ़ने के लिए कुछ समय की जरूरत होगी। |
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