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जे. जयललिता अब हैं कैदी नंबर 7402

जे. जयललिता अब हैं कैदी नंबर 7402 चेन्नई: करप्शन के मामले में दोषी तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयलिलता को शनिवार को जैसे ही 4 साल की सजा सुनाई गई, उनका चेहरा एकदम लाल हो गया। वह बेहद निराश दिख रही थीं। उन्होंने अपना सिर झुका दिया और उन्हें चेक करने के लिए डॉक्टर को भी बुलाया गया।

जयललिता ने बड़ी मुश्किल से अपनी भावनाओं पर काबू पाते हुए कोर्ट से कहा, 'जिस तरह से मैं प्रशासन चलाती हूं, अपनी पार्टी चलाती हूं, उसमें एक भी काला धब्बा नहीं मिलेगा। यह सब राजनीतिक राजिश है।'

मगर फैसला सुनाए जाने के बाद जयललिता का जेल जाना तय था। पारापन्ना अग्रहरा जेल ले जाकर वहां के हॉस्पिटल में उनका मेडिकल चेकअप किया गया। इसके बाद उन्हें महिलाओं की बैरक में ले जाया गया, जहां पर उन्हें कैदी नंबर 7402 दिया गया।

इस हाई सिक्यॉरिटी जेल में कोई वीवीआईपी सेल नहीं है। इसी जेल में वह बैरक भी है, जहां कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदयुरप्पा ने जमीन अनियमितताओं के मामले में दोषी ठहराए जाने पर 24 दिन गुजारे थे।

सूचना के मुताबिक जयललिता ने गुजारिश की कि वह बेचैनी महसूस कर रही हैं, इसलिए उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाया जाए। मगर उन्हें बताया गया कि उन्हें सजा हुई है, ऐसे में जेल के नियम-कायदों के हिसाब से ही चलना पड़ेगा।

उन्हे बताया गया कि पहले जेल हॉस्पिटल के डॉक्टर उनकी जांच करेंगे, उसके बाद अगर उन्हें लगता है कि आपको कहीं शिफ्ट करने की जरूरत है, तभी ऐसा किया जाएगा। जयललिता के वकील ने जेल प्रशासन को बताया कि वह एक वीवीआईपी हैं और उनकी जान को खतरा हो सकता है। मगर उनकी कोई बात नहीं सुनी गई।

दोपहर बाद जयललिता ने लंच करने से इनकार कर दिया और पानी के कुछ गिलास पिए। इसके बाद उन्होंने अपने सिक्यॉरिटी गार्ड्स से बात की और पूछा कि उन्हें जेल में क्या पहनना होगा। एक तमिलनाडु पुलिस ऑफिसर ने बताया, 'मैडम बिना तैयारी की आई थीं, ऐसे में हमने तमिलनाडु पुलिस इंटेलिजेंस विंग को कहा कि उनके लिए कुछ कपड़े लेकर आएं।'

जयललिता को महिलाओं की बैरक में शिफ्ट कर दिया जाएगा। रात साढ़े नौ बजे तक रिपोर्ट्स थी कि उन्हें जयदेवा इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियॉलजी में ऐडमिट कराया जा सकता है, लेकिन चेकअप के बाद उन्हें बैकर नंबर 23 में शिफ्ट कर दिया गया, जो कि अलग सेल है। उनके सहयोगी रहे शशिकला, इलावारसी और सुधाकर को अन्य सेल्स में रखा गया है।
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