कुपोषण के मद्देनजर राष्ट्रीय मिशन शुरू करेगा मंत्रालय: मेनका
जनता जनार्दन डेस्क ,
Sep 18, 2014, 11:39 am IST
Keywords: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मंत्री मेनका गांधी बच्चों लड़कियों और महिलाओं कुपोषण राष्ट्रीय मिशन महिला एवं बाल विकास सचिव वी एस ओबेराय 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान Ministry of Women and Child Development Minister Maneka Gandhi Children Girls and Women Malnutrition National Mission Women and Child Development Secretary VS Oberoi "Beti Bachao Beti parhao 'campaign
नई दिल्ली: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय बच्चों, लड़कियों और महिलाओं में कुपोषण कम करने के लिए जल्दी ही एक राष्ट्रीय मिशन शुरू करेगा।
महिला एवं बाल विकास सचिव वी एस ओबेराय ने बताया कि ‘नेशनल मिशन टू एड्रेस मालन्यूट्रिशन’ में गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं, तीन साल से कम उम्र के बच्चों और किशोरियों पर जोर दिया जाएगा। मंत्रालय के 100 दिनों की उपलब्धियों पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के लोगो का भी अनावरण किया। ओबेराय ने कहा कि मिशन के बारे में हम व्यापक विचार विमर्श करेंगे। इससे पंचायतों और समुदायों को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं, तीन साल से कम उम्र के बच्चों और किशोरियों पर जोर दिया जाएगा। मंत्रालय ने एक पोषण कार्यक्रम शुरू किया है जिसका उद्देश्य 200 जिलों में बच्चों, किशोरियों और महिलाओं के बीच कुपोषण को कम करना तथा इस पर काबू पाना तथा रक्ताल्पता के स्तर में कमी करना होगा। मंत्रालय ने उन 100 जिलों की पहचान की है जहां बाल लिंग अनुपात सबसे कम है। यह पहचान उस महत्वाकांक्षी योजना के लिए की गयी है जिसमें नकद अंतरण की परिकल्पना की गयी है। इसके अलावा हेल्थ क्लीनिकों की निगरानी तथा अनियमितता में लिप्त होने पर मेडिकल कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी बात की गयी है। इस बीच देश की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों को जल्दी ही एक अनोखा ब्रांड नाम दिया जा सकता है और केंद्र ऐसे उत्पादों पर ‘वुमन आफ इंडिया’ लेबल शुरू करने की योजना बना रहा है। मेनका गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि उनके मंत्रालय की योजना देश भर में महिलाओं को इस उद्देश्य के लिए जोड़ने और उनके उत्पादों को स्टोरों तथा आनलाइन तरीके से बेचे जाने की है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने इस उद्देश्य पर अध्ययन के लिए पहले ही एक समिति का गठन कर दिया है। |
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