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मुश्किल वक्त में साथ चलेंगे भारत-अफगानिस्तान: सुषमा स्वराज

मुश्किल वक्त में साथ चलेंगे भारत-अफगानिस्तान: सुषमा स्वराज काबुल: भारत ने अफगान को भरोसा दिलाया कि एक मजबूत, स्वतंत्र और समृद्ध अफगानिस्तान की उनकी परिकल्पना को साकार करने के लिए वह उनकी हर संभव मदद करेगा। दोनों ही देश इस अशांत क्षेत्र में सुरक्षा, रक्षा और पुनर्निर्माण कार्य के क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने के लिए सहमत हुए हैं।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारत के आश्वासन से अफगानिस्तान को अवगत कराया। वह अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई से मिलीं और इस साल नाटो सैनिकों के वापस जाने से पहले राजनीतिक एवं सुरक्षा हालात पर व्यापक चर्चा की। बैठक के दौरान दोनों देश सुरक्षा और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने के लिए भी राजी हुए।

सुषमा ने काबुल में 4 करोड़ डॉलर की लागत वाले भारतीय दूतावास का उद्घाटन भी किया जो समन्वित सुरक्षा प्रणाली से लैस है। विदेश मंत्री ने दूतावास भवन का उद्घाटन करने के दौरान कहा, ‘अफगानिस्तान के लिए परिवर्तन का यह एक अहम दशक है।

भारत हमेशा ही अफगानिस्तान का पहला रणनीतिक साझेदार रहेगा और हमेशा ही अफगान अवाम की एक मजबूत, स्वतंत्र, संयुक्त एवं समृद्ध अफगानिस्तान की परिकल्पना को साझा करेगा, जिसके लिए कई सारे अफगानिस्तानियों ने बहुत कुछ कुर्बान किया है।’

उन्होंने कहा कि उनकी परिकल्पना को साकार करने को लेकर अफगान सरकार और इसके अवाम के साथ काम करने के लिए जो कुछ भी संभव है, जो कुछ भी क्षमताएं एवं साधन हैं, उसके साथ भारत तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत यहां पुनर्निर्माण का काम करता रहेगा।

करजई के साथ अपनी बैठक के दौरान सुषमा ने अफगानिस्तान को विभिन्न चुनौतियों से निपटने में हर संभव मदद करने की भारत की मजबूत प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्हें इस बात से भी अवगत कराया कि भारत एक सार्थक तरीके से इस देश के पुनर्निर्माण कार्य में जुटा रहेगा। भारत ने सहायता एवं पुनर्निर्माण में दो अरब डॉलर निवेश किए हैं और सैकड़ों अफगान अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है।

दोनों ही देशों ने व्यापारिक संबंधों को विस्तृत करने पर जोर दिया है। बतौर विदेश मंत्री सुषमा की यहां की यह प्रथम यात्रा है। वह हवाईअड्डा से सीधे राष्ट्रपति आवास पहुंचीं जहां उन्होंने कई अहम मुद्दों पर करजई से बातचीत की। सूत्रों ने बताया कि समूचे राजनीतिक हालात पर बैठक के दौरान चर्चा हुई।

सुषमा ने कहा कि अफगानिस्तान में भारत विभिन्न विकास परियोजनाओं पर काम को तेज करेगा। नाटो बलों के अफगानिस्तान से वापसी की तैयारी करने के मद्देनजर यह अशांत देश चाहता है कि भारत सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में उसकी मदद करे। अफगानिस्तान भारत पर सैन्य साजो सामान और हथियार प्रणाली आपूर्ति करने के लिए दबाव डाल रहा है।
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