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भारत में इबोला का कोई मामला नहीं: स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन

भारत में इबोला का कोई मामला नहीं: स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इबोला वायरस बीमारी (ईवीडी) के लक्षणों के साथ आने वाले लोगों की जांच के लिए देश के सभी प्रवेश स्थलों पर की गई ढांचागत व्यवस्था पर संतोष जताया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 8 अगस्त को एक अंतर्राष्ट्रीय आपातकाल की चेतावनी दी थी, लेकिन उससे पहले ही मंत्री महोदय ने भारत की जांच एवं निगरानी प्रणाली को पूरा मुस्तैद कर दिया था।

उन्होंने बताया कि अभी तक विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर 12,257 यात्रियों की जांच की जा चुकी है। पूरी मुस्तैदी सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार के कई विभाग राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने व्यक्तिगत रूप से गुरुवार को बंगलुरू अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर व्यवस्थाओं की निगरानी की थी।’

मंत्री महोदय ने नई दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में एक नाइजीरियाई नागरिक के ईवीडी ‘पॉजिटिव’ होने की मीडिया में आई खबरों का खंडन किया।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमारे सतर्कता अधिकारियों ने एक व्यक्ति को आरएमएल अस्पताल जरूर भेजा था। उसके खून के नमूनों को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) और पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु संस्थान भेजा गया था। हम आश्वस्त हैं कि वह ईवीडी निगेटिव होगा और चिंता की कोई बात नहीं है।

नमूनों के एंटिजेन एलिसा और आरटी-पीसीआर परीक्षण किये गये। इसके अतिरिक्त, पुणे संस्थान के वैज्ञानिकों ने और जितने परीक्षण किये, उनसे यही पुष्टि हुई कि नाइजीरियाई नागरिक खतरनाक इबोला वायरस से संक्रमित नहीं है।

डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों को फिर आश्वस्त किया कि दहशत में आने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया, ‘हमारे पास ऐसी प्रणालियां हैं जिनसे हम 21 दिनों की पूरी खतरा अवधि में ईवीडी के थोड़े भी लक्षण मिलने पर उसकी जांच कर सकते हैं। खुशकिस्मती से यह बीमारी हवा से नहीं फैलती है, इसलिए इसे फैलने से पहले ही आसानी से नियंत्रित कर लिया जाएगा।’

इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जानकारी दी है कि 13 अगस्त तक दुनियाभर में ईवीडी के 2,127 मामले सामने आए हैं और मरने वालों की कुल संख्या 1,145 तक पहुंच गई है।
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