इबोला से मरने वालों की संख्या 1000, डब्ल्यूएचओ ने अंडर टेस्टिंग दवा को दी मंजूरी

इबोला से मरने वालों की संख्या 1000, डब्ल्यूएचओ ने अंडर टेस्टिंग दवा को दी मंजूरी जिनिवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने इबोला के खिलाफ लड़ाई में परीक्षणाधीन दवा के इस्तेमाल को आज अधिकृत कर दिया। इस महामारी से मरने वालों की संख्या एक हजार पार कर गई है।

स्पेन का एक पादरी इबोला से मारा गया है जो कि इस बीमारी से यूरोपीय की होने वाली पहली मौत है।

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी की घोषणा तब आयी है जब परीक्षणाधीन टीका बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ने कहा कि उसने अपनी सभी आपूर्ति ईबोला प्रभावित पश्चिमी अफ्रीका भेज दिये हैं।

डब्ल्यूएचओ  ने जिनिवा में चिकित्सकीय विशेषज्ञों की एक बैठक के बाद कहा, खास तौर पर इस महामारी के प्रकोप की परिस्थितियों और बशर्ते कुछ स्थितियों की पूर्ति हो। अप्रमाणिक उपाय मुहैया कराना नीतिपरक है जिसका प्रभाव और प्रतिकूल प्रभाव की अभी जानकारी नहीं है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इबोला का चार दशक पहले पता चलने के बाद यह महामारी सबसे भीषण है। इस महामारी से मरने वालों की संख्या अब 1013 हो गई है। इसके मामले अभी तक गिनी, लाइबेरिया, सिएरा लियोन और नाइजीरिया तक सीमित हैं। ये सभी पश्चिमी अफ्रीका में हैं स्वास्थ्य सुविधा कमजोर है।

स्पेन के एक वृद्ध पादरी की आज मैड्रिड के एक अस्पताल में मौत हो गई जो लाइबेरिया में मरीजों की मदद करने के दौरान इससे संक्रमित हो गया था। पांच दिन पहले ही उसे वहां से निकाला गया था।

लाइबेरिया ने कहा कि उसने परीक्षणाधीन दवा जेडमैप का नमूने का अनुरोध किया है जिससे दो अमेरिकी सहायता कार्यकर्ताओं पर कुछ सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले थे लेकिन इससे स्पेन का पादरी नहीं बच पाया। लाइबेरिया की सरकार ने कहा कि इसकी आपूर्ति इस सप्ताह के अंत में अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा लायी जाएगी।

वर्तमान में इबोला के लिए कोई इलाज या टीका उपलब्ध नहीं है। ईबोला को डब्ल्यूएचओ ने एक वैश्विक जनस्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया है। परीक्षणाधीन दवा के इस्तेमाल ने नैतिक बहस शुरू कर दी है।
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