विज्ञान एक्‍सप्रेस-जैव विविधता स्‍पेशल ट्रेन को लोकप्रिय बनाना-श्री प्रकाश जावडेकर

विज्ञान एक्‍सप्रेस-जैव विविधता स्‍पेशल ट्रेन को लोकप्रिय बनाना-श्री प्रकाश जावडेकर नई दिल्ली: पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावडेकर ने रेलमंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्‍द्र सिंह के साथ विज्ञान एक्‍सप्रेस जैव विविधता विशेष ट्रेन को सफदरजंग रेलवे स्‍टेशन से आज हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

पहिए पर इस नवोन्‍मेषी प्रदर्शनी के प्रयास से इस ट्रेन का उद्देश्‍य सामान्‍य जनों, विशेषकर युवाओं के बीच भारत की अद्वितीय विविधता के बारे में जन चेतना का निर्माण करना है। यह पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय एवं भारतीय रेलवे का अति महत्‍वाकांक्षी उद्यम है।

इस अवसर पर श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि लोगों के बीच दिलचस्‍पी बढ़ाने के द़ष्टिगत एक विज्ञापन अभियान शुरू किया जाएगा ताकि भारत की समृद्धि विविधता के अनेक रंगों के बारे में लोगों का संवेदनशील एवं शिक्षित किया जा सके।

श्री जावडेकर ने इस बात पर जोर दिया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने लोगों के बीच भारत की समृद्धि विविधता को संवेदनशील बनाने के लिए आज एक सफल यात्रा की शुरूआत की है।

जैव विविधता से जुड़े मुद्दों को आगे ले जाने की दृष्टि से समाज को अपनी जड़ों के भीतर झांकने की आवश्‍यकता है जो कि एक वैज्ञानिक तर्क से परिपूर्ण है। यह महत्‍वपूर्ण है कि भारत के परिप्रेक्ष्‍य में पृथ्‍वी पर 2.5 प्रतिशत भाग में बहुसंख्‍यक लोग, विश्‍व जनसंख्‍या का 17 प्रतिशत हिस्‍सा तथा विश्‍व जैव विविधता का 8 प्रतिशत भाग इसमें संलिप्‍त है।

मंत्री महोदय ने बताया कि यह कोई साधारण रेल नहीं है। वस्‍तुत: यह सीखने समझने, जैव विविधता, अनुरक्षण के संदेश के प्रचार प्रसार तथा इस आधुनिक युग तक के लोगों के बीच इस तथ्‍य को उजागर करने की एक यात्रा है कि हम आज भी जैव विविधता पर निर्भर हैं।

इस पहल के महत्‍व को रेखांकित करते हुए मंत्री महोदय ने बताया कि वास्‍तव में यह पहल सीओपी-11 की ब्रैंड एम्‍बेसडर है। इसने 190 से ज्‍यादा देशों से आए प्रतिनिधियों को भारत के समृद्ध वैवधिपूर्ण रुख के दर्शन कराए हैं।

इस प्रयोजन के लिए इस रेल को अक्‍टूबर 2012 में सिकन्‍दराबाद में रोके रखा गया, जिससे कि जैव विविधता कन्‍वेन्‍शन में आए प्रतिनिधियों को इसका दौरा करने का सुअवसर प्राप्‍त हो सके।

वास्‍तव में ऐसे कुछ एक दस्‍तावेज और उपलब्धि परक पड़ाव आए हैं और हमारा विश्‍वास है कि इस रेल ने अपने लक्ष्‍य को प्राप्‍त किया है। कदाचित दुनिया की यह रेल प्रदर्शनी सर्वाधिक लोगों द्वारा देखी गयी है।

भारत वर्ष में इस रेल ने ब्राडगेज पर सबसे ज्‍यादा यथासंभव रेल मार्ग को पार किया है और इसने उत्‍तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम के कतिपय सुदूर इलाकों में भी पहुंची है। अपने संबोधन में रेलमंत्री श्री सदानंद गौड़ा ने बताया कि यह पहल अद्वितीय रही है और इसने वास्‍तविक भारत की यात्रा की है।

इससे लोगों को विज्ञान की उपलब्धियों के मंच तक पहुंचने में मदद मिली है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि विज्ञान का उपयोग समाज के पुनर्निर्माण के लिए किए जाने की आवश्‍यकता है।

इस रेल की वर्तमान यात्रा इसका तीसरा चरण है। इस चरण में देशभर के संपूर्ण भाग पर भारतीय रेलवे के ब्रॉडगेज नेटवर्क पर 57 स्‍थानों पर ले जाने की योजना है।

विज्ञान एक्‍सप्रेस के 16 कोचों में आठ कोच भारत के जैव-भोगोलिक विषयों पर प्रदर्शनी, लघु फिल्‍मों एवं वीडियो को प्‍लाजमा एवं एलईडी की स्‍क्रीनों के माध्‍यम से बड़े फार्मेट, कियोस्‍क के जरिए विविध कार्यक्रमों को पैनलों पर प्रदर्शित किया जा सकता है।

रेल के शेष कोचों में जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा एवं जल संरक्षण तथा अन्‍य सामायिक विषयों को सुरुचिपूर्ण एवं सूचना परक ढंग से पेश किया गया है।

2012 में रेल के शुभारंभ से लेकर अब तक इस विज्ञान एक्‍सप्रेस में 114 स्‍टेशनों तथा दो चरणों में 37 हजार किलोमीटर से ज्‍यादा की यात्रा तय की है।

इस रेल का प्रथम चरण विश्‍व पर्यावरण दिवस (05 जून, 2012 को) सफदरजंग रेलवे स्‍टेशन, नई दिल्‍ली से शुरू हुआ था और इसका दूसरा चरण भी (09 अप्रैल, 2013 को) सफदरजंग रेलवे स्‍टेशन से शुरू हुआ था, जिसमें इसने 62 स्‍थानों पर 22 लाख से ज्‍यादा लोगों ने इसे देखा, जिनमें पांच लाख छात्र और 6005 स्‍कूलों के 29 हजार अध्‍यापक शामिल हैं, जिन्‍होंने इसके माध्‍यम से अध्‍ययन का पूरा लाभ उठाया।

देश के अधिकांश हिस्‍सों को पार करते हुए 57 लोकेशन के उपरांत 04 फरवरी, 2015 को इस रेल का वर्तमान चरण गांधीनगर गुजरात में पूरा हो जाएगा।
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