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वैदिक की सईद से मुलाकात देशद्रोह के बराबर: उद्दव

वैदिक की सईद से मुलाकात देशद्रोह के बराबर: उद्दव मुंबई: एनडीए के घटक और अहम दल शिवसेना ने मुंबई हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद से वरिष्‍ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक की मुलाकात पर सख्‍त नाराजगी जताई है और मोदी सरकार के रवैए पर सवाल उठाए हैं।

सामना में छपे लेख में कहा गया है कि वैदिक को हाफिज से बातचीत का अधिकार किसने दिया। सस्‍ती लोकप्रियता हासिल करने का ये खतरनाक अंदाज है।

उद्धव ठाकरे ने लिखा है कि मुंबई हमले के साजिशकर्ता सईद से मुलाकात करने वाले शख्स को माफ नहीं किया जा सकता है। वैदिक ने उस राक्षस से मुलाकात की है, जो कई निर्दोष लोगों की हत्याओे के लिए जिम्मेदार है।

उन्होंने आगे लिखा है कि देश के दुश्मन से मुलाकात करना राष्ट्रद्रोह जैसा है। उस पत्रकार के खिलाफ केंद्र सरकार को सख्त कार्रवाई करना चाहिए। उन्होंने कश्मीर की आजादी की बात करके देशद्रोह का काम किया है।

ठाकरे ने कहा है कि इस मसले पर सरकार ने कहा कि उसे इस बारे में काई जानकारी नहीं थी और न ही सरकार को इससे कुछ लेना देना है। मामले से हाथ खींच लेने से काम नहीं चलेगा। अगर इस समय कांग्रेस की सरकार होती और कोई सईद से मिला होता तो भी उनकी पार्टी का रवैया यही होता।

सरकार को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस मामले में कार्रवाई नहीं करती है तो आगे कोई अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से मिलेगा। उसके साथ बिरयानी खाकर फोटो के लिए पोज देगा और स्वदेश लौटेगा। ऐसा दोबारा न हो, इसलिए केंद्र सरकार को कडे कदम उठाने चाहिए।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुख्य पत्र सामना में हाफिज सईद और वैदिक की मुलाकात पर मोदी सरकार के पल्ला झाड़ने की आलोचना की है। इस मुलाकात पर शिवसेना ने एक बयान में कहा है कि वैदिक को माफी नहीं दी जा सकती है।

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि वैदिक के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए क्‍योंकि यह देशद्रोह का मामला है। कसाब, अफजल की तरह ही इन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार को इस प्रकरण को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि सरकार तह तक जाए और कार्रवाई करे।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि सिर्फ यह कहना काफी नहीं है कि सरकार का इस मुलाकात से कुछ लेना-देना नहीं है। अगर कांग्रेस की सरकार होती और कोई पत्रकार हाफिज अथवा दाउद इब्राहीम से मिलता तो भाजपा, सरकार पर हमले करती।

पार्टी ने कहा कि परंतु आज हम सत्ता में हैं। इसलिए सिर्फ यह कहने से कुछ नहीं होगा कि इस मुलाकात से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। जरूरत यह है कि इस मुद्दे की तह तक जाएं। भाजपा की इस गठबंधन सहयोगी ने कहा कि कोई हिंदू-मुस्लिम भेदभाव नहीं होना चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।

अगर पत्रकार को छोड़ दिया जाएगा तो कल कोई जाएगा और दाउद के साथ बिरयानी का मजा लेगा। उसने कहा कि मोदी सरकार ने अच्छी शुरूआत है। उसे किसी एक व्यक्ति के दुस्साहस के कारण परेशानी का सामना नहीं करना चाहिए। यह अच्छी बात है कि विदेश मंत्री ने इस मुलाकात की संसद में निंदा की है।

शिवसेना ने कहा कि देश के दुश्मन सईद से मिलना ‘राष्ट्रद्रोह’ है और सरकार को इस पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उसने सवाल किया कि वैदिक को भारत की संप्रभुता और अखंडता से जुड़े मुद्दों पर टिप्पणी करने का अधिकार किसने दिया?

शिवसेना ने कहा कि हम पाकिस्तान सरकार और आईएसआई के व्यवहार से हैरान हैं। आम भारतीयों को वीजा देने से इंकार करने वाली पाकिस्तान सरकार वैदिक को लेकर इतनी मेहरबान कैसे हो गई। वरिष्ठ पत्रकार वैदिक ने गत 2 जुलाई को लाहौर में मुंबई हमलों के साजिशकर्ता हाफिज सईद से मुलाकात की थी।

गौरतलब है कि वैदिक-सईद के मुलाकात पर कांग्रेस ने संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चलने दी, वे इस मसले पर सरकार से स्पष्टीकरण की मांग कर रहे हैं। इस पर सुषमा स्वराज ने लोकसभा में बयान दिया कि सरकार का वैदिक के सईद से मुलाकात से कोई वास्ता नहीं है और न ही उनको इस बारे में पहले से कोई जानकारी थी।
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