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बदायूं गैंगरेप केस में 5वां आरोपी भी गिरफ्तार

बदायूं गैंगरेप केस में 5वां आरोपी भी गिरफ्तार नई दिल्ली/लखनऊ/बदायूं: बदायूं में नाबालिग लड़कियों के साथ गैंगरेप और फांसी पर लटकाकर हत्या के मामले के पांचवें आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि उसे हैत क्षेत्र के गांव कटरा सहादतगंज में किसान परिवार की दो बेटियों को गैंगरेप के बाद जिंदा फांसी दे दिए जाने की घटना से लखनऊ-दिल्ली तक तूफान खड़ा हो गया है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन और भाजपा, बसपा, कांग्रेस नेताओं के कटरा कूच के बीच एसएसपी बदायूं ने वारदात में शामिल दो पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी गैंगरेप मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में किए जाने का ऐलान किया है। राष्ट्रीय माहिला आयोग और राज्य महिला आयोग की टीमें शुक्रवार को कटरा पहुंची और पीड़ित परिवार से मिलकर पूरा ब्यौरा जुटाया। दिन भर गांव में नेताओं के पहुंचने का क्रम जारी रहा। भाजपा ने मामले की न्यायिक जांच की मांग उठाई है, तो बसपा ने बिगड़ी कानून व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया है।

दोपहर में कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर, एमएलसी नसीब पठान ने पार्टी टीम के साथ कटरा सहादतगंज गांव का दौरा किया। शाम बसपा नेता सदन स्वामी प्रसाद मौर्य भी दलबल के साथ मौके पर गए और पीड़ित परिवार से मिलकर मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग उठाई। भाजपा के क्षेत्रीय सांसद धर्मेन्द्र कश्यप और शाहजहांपुर सांसद कृष्णाराज भी गांव पहुंचे और पीड़ित परिवारों को 25-25 लाख मुआवजे के साथ सरकारी नौकरी और घटना की न्यायिक जांच की मांग की।

इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सबीना सफी, हेमलता सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड की जांच को कटरा पहुंची और मारी गई चचेरी बहनों के परिवारों से मिलकर उन्हें इंसाफ का भरोसा दिया। राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष जानकी पाल के साथ सदस्य अशोक पांडेय भी परिवार से मिलीं और कहा कि दोषियों के खिलाफ हर कीमत पर कार्रवाई कराई जाएगी।

एसएसपी बदायूं अतुल सक्सेना ने शुक्रवार को बताया कि वारदात में शामिल बताए जा रहे आरोपी हेड कांस्टेबिल छत्रपाल यादव और सिपाही सर्वेश यादव को बर्खास्त कर दिया गया है। सिपाही सर्वेश सहित तीन अभियुक्त गिरफ्तार किए जा चुके हैं। बाकी की तलाश में पुलिस की कई टीमें दबिशें दे रही हैं। सुरक्षा कारणों से गांव में पुलिस-पीएसी तैनात रखी गई है।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई: अखिलेश
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बदायूं गैंगरेप मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में किए जाने का ऐलान किया है। इसके अलावा पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाने और पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए चेतावनी दी है कि इस प्रकार की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

विदेशी मीडिया में भी उछला मामला
विदेशी मीडिया ने भी बदायूं में दो किशोरियों के साथ गैंगरेप की घटना को प्रमुखता से छापा है। बीबीसी लंदन, डेली मेल और न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे अखबारों ने भी इस खबर को जगह दी है। वहीं, पाकिस्तान की वरिष्ठ पत्रकार मेहर तरार ने भी ट्वीट कर पूरे घटना क्रम पर चिंता जताई है।

रोज होती हैं 10 घटनाएं
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जहां पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील होने की नसीहतें दे रहें, वहीं पुलिस ने शुक्रवार को दावा किया कि यूपी में साठ से पैंसठ फीसदी दुराचार की घटनाएं गांवों में शौचालय न होने के कारण होती हैं। एसटीएफ के आईजी आशीष गुप्ता शुक्रवार को यहां कहा कि यूपी में रोज दुराचार की दस घटनाएं हो रही हैं। अगर जनसंख्या के हिसाब से देखा जाए तो यह बहुत कम है और दुराचार की घटनाओं में यूपी का देश में 22 वां स्थान है। उन्होंने कहा कि एक शोध के दौरान पाया गया कि दुराचार की 60-65 फीसदी दुराचार की घटनाएं इसलिए हो रही हैं क्योंकि गांवों में शौचालय नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि सितंबर 2012 के बाद से बने नए कानूनों का भी यूपी में पाकसो यानी ‘प्रोटेक्शन आफ चिलड्रेन्स फ्राम सेक्सुअल आफेंसेस एक्ट-2012’ का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया है। साफ है कि पुलिस दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से पीछे नहीं हट रही।

आशा बहुओं की मदद से गांवों में लाएंगे जागरुकता
आईजी एसटीएफ आशीष गुप्ता ने कहा कि कम्युनिटी पुलिसिंग के जरिये यूपी के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं, बच्चाियों को जागरूक करने के लिए आशा बहुओं, एएनएम और शिक्षा मित्रों की मदद से अभियान चलाया जाएगा। उन्हें देश में लागू किए गए नए कानूनों के साथ ही शौच जाने के दौरान अधिक सतर्क रहने, मुसीबत में बचाव के लिए क्या जरूरी कदम उठाए जाएं? इसकी जानकारी दी जाएगी। पर्चे छाप कर बांटे जाएंगे। इस संबंध में डीजीपी आनंद लाल बनर्जी ने मानवाधिकार सेल के एडीजी को इसकी जिम्मेदारी दी है। जल्द ही इस संबंध में डीजीपी सकरुलर जारी कर पुलिस अधीक्षकों को आगाह करेंगे।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा मुकदमा
बदायूं में हुई दुराचार की घटना तीसरे दिन भी प्रदेश सरकार और पुलिस के लिए दिक्कत का सबब बना रहा। पुलिस द्वारा कराई गई फजीहत पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सख्त रुख अख्तियार कर डीजीपी समेत आला अधिकारियों को फटकार लगाई। केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट भेजा। वहीं राज्य मानवाधिकार आयोग ने घटना को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी व प्रमुख सचिव गृह को नोटिस जारी कर दिया। उधर, बदायूं पुलिस ने सिपाही सर्वेश यादव और मुख्य आरक्षी छत्रपाल को बर्खास्त कर दिया है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को डीजीपी आनंद लाल बनर्जी व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बदायूं में हुई घटना की समीक्षा की। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बदायूं पुलिस की लापरवाही पर जमकर आड़े हाथ लिया। बोले-‘अगर पुलिस चौकी पर तैनात कर्मचारियों ने लापता नाबालिग लड़कियों को ढूंढ़ने की कार्रवाई तुरंत शुरू कर दी होती तो न दुराचार होता और न ही हत्याएं। दुराचार की ऐसी घटनाएं अब बर्दाश्त नहीं होंगी। जो भी पुलिस अधिकारी कोताही अथवा लापरवाही के दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी।’

उन्होंने बदायूं में दुराचार के मुकदमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट भेजने के निर्देश दिए, ताकि इस केस को नजी़र बनाकर दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जा सके। उन्होंने घटना के फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम बनवाई। उधर, मुख्यमंत्री ने दोपहर बाद कानपुर दौरे के दौरान पुलिस का बचाव भी किया। कहा कि कई मामलों में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की है और कानून-व्यवस्था को संभाला है।

उधर, आईजी एसटीएफ आशीष गुप्ता ने कहा कि घटना में शामिल तीन अभियुक्तों पप्पू यादव, अवधेश यादव और सिपाही सर्वेश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्य आरक्षी छत्रपाल की तलाश के लिए टीमें लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि सिपाही सर्वेश यादव व छत्रपाल को उत्तर प्रदेश अधिनस्थ कर्मचारियों व अधिकारियों की दंड एवं अपील नियमावली की धारा 8 (2) का इस्तेमाल करते हुए बर्खास्त कर दिया गया है।

पीड़ितों को दिए पांच-पांच लाख और सुरक्षा
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बदायूं दुराचार कांड से प्रभावित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता घोषित की। साथ ही डीजीपी को निर्देश दिए कि पीड़ित परिवारों की सुरक्षा की जाए। उनके लिए सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था करें, ताकि कोई उन्हें धमका न सके।

उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने जारी किया नोटिस
उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति तरुण चटर्जी ने प्रदेश सरकार और बदायूं के एसएसपी को नोटिस जारी कर रिपोर्ट देने को कहा है। मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी व प्रमुख सचिव गृह को नोटिस जारी कर कहा है कि घटना में पुलिस ने क्या कार्रवाई की? इसकी पंद्रह दिन में रिपोर्ट भेजें। साथ ही बदायूं के एसएसपी को जांच कर मामले की रिपोर्ट देने को कहा है। वहीं महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी द्वारा नोटिस जारी किए जाने पर बदायूं के एसएसपी ने महिला आयोग को रिपोर्ट भेजी है। कहा है कि चौकी प्रभारी राम विलास, सिपाही सर्वेश व छत्रपाल को निलंबित कर दिया गया है। घटना की विवेचना वीरपाल सिंह सिरोही द्वारा की जा रही है।

सहादतगंज कांड की सीबीआई जांच हो: आयोग
कटरा सहादतगंज कांड बहुत भयावह है और इसमें पुलिस का चेहरा संवेदनहीन होने के साथ अपराधियों जैसा साबित हुआ है। जब रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे, तो जनता किससे न्याय मांगेगी। घटना पर आयोग गंभीर है। दो दिन में जांच रिपोर्ट आयोग अध्यक्ष को सौंप दी जाएगी। पीड़ित परिवार को इंसाफ की खातिर इस घटना की सीबीआई जांच जरूरी है।
समीना सफी, सदस्य-राष्ट्रीय महिला आयोग
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