अफगानिस्तान में हुए भूस्खलन से 2100 लोगों की मौत

अफगानिस्तान में हुए भूस्खलन से 2100 लोगों की मौत काबुल: उत्तरी अफगानिस्तान में हुए भूस्खलन में गुरुवार को 2100 लोगों के मारे जाने की खबर है जबकि हजारों अभी भी लापता हैं। बचाव कर्मी मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए प्रयासरत हैं। बदख्शां प्रांत के जिस गांव में भूस्खलन हुआ है वहां के लोग बचाव कार्य में स्थानीय प्रशासन, संयुक्त राष्ट्र और नाटो के सैन्य बल की मदद कर रहे हैं।
   
प्रांत के डिप्टी गवर्नर गुल मोहम्मद बैदार ने बताया एक घंटे के अंदर आब बरीक गांव में आज दो भूस्खलन हुए। एक पहाड़ी गांव पर ध्वस्त हो गई। जो लापता हुए हैं उनमें से ज्यादातर लोग वह थे जो जुमे की नमाज के लिए दो मस्जिदों में एकत्र हुए थे। दूसरा भूस्खलन तब हुआ जब स्थानीय लोग पहले भूस्खलन के हताहतों की मदद कर रहे थे।
   
बदख्शां प्रांत के गर्वनर शाह वलीउल्ला अदीब ने फोन पर बताया कि मृतकों की संख्या 2,500 तक हो सकती है। उन्होंने बताया हमारा शुरुआती आकलन स्थानीय लोगों की खबरों पर आधारित है जिससे पता चलता है कि शायद महिलाओं और बच्चों समेत करीब 2,500 लोग मारे गए हैं। पुष्ट सूचना हासिल करना मुश्किल है और हम तथ्यों को जुटा रहे हैं।

बदख्शां उत्तर पूर्वी अफगानिस्तान का पहाड़ी प्रांत है जिसकी सीमा ताजिकिस्तान, चीन और पाकिस्तान से मिलती है। वर्ष 2001 में अमेरिका नीत सैन्य हस्तक्षेप होने के बाद से यहां अपेक्षाकत शांति थी लेकिन हालिया वर्षों में यहां तालिबान की गतिविधियां बढ़ी हैं।
   
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने एक बयान में कहा, मृतकों की संख्या बढ़कर 2100 हो गयी है और बड़ी संख्या में विस्थापन की आशंका है। बयान में कहा गया है, मानवीय मामलों के समन्वयन के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय अभी भी फंसे लोगों को बचाने में स्थानीय अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है।
   
उसके अनुसार, हादसे में जीवित बचे, लेकिन विस्थापित हो चुके लोगों की सहायता के लिए कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए हैं। उसके मुताबिक, प्रभावित क्षेत्र तक सड़क संपर्क बहुत अच्छा नहीं है लेकिन ठीक-ठाक है। लेकिन उसपर भारी मशीनरी नहीं चल सकती है।
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