अपराध साबित हो तो सरेआम फांसी पर लटका दो, माफी नहीं मागूंगा: मोदी
जनता जनार्दन डेस्क ,
Apr 17, 2014, 14:03 pm IST
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अहमदाबाद: साल 2002 के गुजरात दंगों के लिए माफी मांगने से एक बार फिर इंकार करते हुए नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अगर उनके खिलाफ आरोपों में रत्ती भर भी सच्चाई हो तो उन्हें सरेआम फांसी पर लटका दिया जाए।
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा कि माफी मांगने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा, क्योंकि ऐसे आरोपों से निपटने के लिए यह सही रास्ता नहीं है। मोदी से गोधरा बाद दंगों के लिए माफी मांगने के बारे में पूछा गया था जिसमें 1000 से अधिक लोग मारे गए थे। मोदी ने कहा कि मुझे यकीन है कि अगर इन आरोपों में रत्ती भर भी सचाई है तो मैं महसूस करता हूं कि भारत के उज्जवल भविष्य और परंपरा के लिए मोदी को चौराहे पर फांसी पर चढ़ा देना चाहिए। सजा ऐसी होनी चाहिए कि आने वाले 100 बरस में किसी को ऐसा अपराध करने का साहस न हो। एएनआई पर प्रसारित साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि अगर मैंने कोई अपराध किया है, तो मोदी को क्षमा नहीं किया जाना चाहिए । माफी मांगने के बाद लोगों को क्षमा करना, यह क्या व्यवस्था है माफी नहीं मांगनी चाहिए। मोदी को कभी क्षमा नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर वह साल 2002 या 2007 का चुनाव हार गए होते तो माफी मांगने की बात उठती ही नहीं। एक छोटी सी मंडली है जो समझती है कि उन्होंने कड़ी मेहनत करके तूफान खड़ा कर दिया है। लेकिन मोदी नहीं हारा, नहीं मरा। यह उनका जुनून है कि मोदी को गिराना है। मुसलमानों के मारे जाने के संबंध में उनके कुत्ते के बच्चों वाली टिप्पणी पर उठे विवाद के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि अगर कोई चींटी भी मरती है तो तकलीफ होती है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि मैं मतक की तुलना चींटी से कर रहा हूं । भारत में विभिन्न भाषा और अभिव्यक्ति के बीच अंतर है। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी की गलत व्यवस्था की गई वैसा उनका इरादा नहीं था। कुछ वर्ष पहले सदभावना उपवास के दौरान गोल टोपी पहनने से इंकार करने के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि वह अपनी परंपरा का पालन करते हैं और दूसरों की परंपराओं का सम्मान करते हैं। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा कि मैं तुष्टीकरण की नीति के खिलाफ हूं। मैं तुष्टीकरण के किसी प्रतीक को कभी नहीं अपनाऊंगा, लेकिन अगर कोई गोल टोपी उछालेगा तब मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा। ऐसी सजा दी जानी चाहिए जो मिसाल हो। मुकदमों का सामना करने वाले विधायकों एवं सांसदों को जेल में डालने से संबंधित उनकी हाल की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राजनीति का अपराधीकरण गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि अगर सत्ता में आए, तो ऐसे विधायक एवं सांसद जिनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित है, उनके लिए वह उच्चतम न्यायालय से विशेष अदालत गठित करने और एक वर्ष में फैसला सुनाने का आग्रह करेंगे। मोदी ने कहा कि जो लोग दोषी करार दिये जाते हैं, उनकी सीट खाली हो जायेगी और उनका स्थान बिना आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले लोगों से भरा जायेगा। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा कि हर कोई यह बात कहता है लेकिन कोई करता नहीं है। लेकिन मैंने ऐसा करने का निर्णय किया है। लेकिन अगर कोई और बेहतर रास्ता है तो मैं उस पर भी विचार करूंगा। मैं नहीं चाहता कि राजनीतिकों के खिलाफ मामलों को लम्बे समय तक खींचा जाए। उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि वह बदले की भावना से कोई काम नहीं करेंगे और अपना समय एवं उर्जा लोगों की भलाई के काम में लगायेंगे। |
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