सात वर्ष में कम हुए 14 करोड़ गरीब: मनमोहन

सात वर्ष में कम हुए 14 करोड़ गरीब: मनमोहन बरेली/लखीमपुर: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विकास और आर्थिक सुधार के लिहाज से यूपीए-1 और 2 के कार्यकाल को ‘सुपर पीरियड’ करार दिया है। शनिवार को पूरनपुर, पीलीभीत, पलिया, लखीमपुर-खीरी में आयोजित रैलियों में मनमोहन ने कहा कि 2004 से 2011 तक देश में गरीबों की संख्या 14 करोड़ घटी है। कृषि क्षेत्र में जबर्दस्त विकास हुआ है। पैदावार के रिकार्ड बने हैं।

मनमोहन ने कहा कि भाजपा के ‘फूट डालो एजेंडे’ में कोई बदलाव नहीं आया है। भाजपा के घोषणा-पत्र में धारा 370, मंदिर जैसे पुराने मुद्दे हैं। भाजपा के पास विकास की कोई नीति-कार्यक्रम नहीं है। भाजपा का चुनाव एक व्यक्ति पर केंद्रित है, जो बड़ी-बड़ी बातें बोलते हैं मगर उन्हें पूरा नहीं कर सकते।

पीएम बोले- भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए कांग्रेस सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं। गड़बड़ी के मामलों में कड़ी कार्रवाई की गई। सरकार भ्रष्टाचार खत्म करने की दिशा में कई और कानून बनाना चाहती थी, मगर संसद में भाजपा के असहयोग से ऐसा हो नहीं सका।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दस साल में हमने हर क्षेत्र में तरक्की की है। गरीबी तीन गुना तेजी से घटी है, पोलियो मिटा है। किसानों के फायदे के लिए खरीद मूल्य सबसे अधिक बढ़ाए। खाद्य सुरक्षा कानून लाए। शिक्षा और स्वास्थ्य में कहीं अधिक निवेश किया। उच्च शिक्षा में आईआईएम, आईआईटी जैसे बहुत संस्थान खुलवाए। 11 करोड़ स्कूली बच्चों को दोपहर का भोजन दिया। दो लाख किलोमीटर से अधिक सड़कें, कई हवाई अड्डे बनाए। बंदरगाह सुधारे।

उन्होंने राज्यों की गैर-कांग्रेसी सरकारों पर विकास में सहयोग नहीं करने के आरोप लगाते हुए कहा कि यूपी में बुंदेलखंड पैकेज, मनरेगा में केंद्र से दिया गया पैसा तक खर्च नहीं किया गया। यूपी में कानून-व्यवस्था की हालत पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां बिजली संकट की वजह ऊर्जा उत्पादन में कोई वृद्धि नहीं किया जाना है। तराई के गन्ना किसानों के हाथ इसलिए तंग हैं, क्योंकि केंद्र की ओर से विशेष पैकेज देने पर भी उन्हें गन्ने का मूल्य नहीं मिल पा रहा।
अन्य राष्ट्रीय लेख
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल