गुलजार को प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार
जनता जनार्दन डेस्क ,
Apr 12, 2014, 17:08 pm IST
Keywords: गीतकार संवाद लेखक एवं फिल्मकार गुलजार वर्ष 2013 भारतीय सिनेमा दादा साहब फाल्के पुरस्कार सम्मानित Lyricist Dialogue writer and Filmmaker Gulzar 2013 Indian cinema Dada Saheb Phalke Award Honored
नई दिल्ली: जाने माने गीतकार, संवाद लेखक एवं फिल्मकार गुलजार को वर्ष 2013 के लिये भारतीय सिनेमा के शीर्ष सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा।
यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिये भारत सरकार की ओर से हर साल दिया जाता है। गुलजार यह पुरस्कार पाने वाले 45 वीं फिल्मी हस्ती हैं। इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण कमल, दस लाख रुपये की नकद राशि और एक शॉल दिया जाता है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी यहां विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में गुलजार को इस सम्मान से नवाजेंगे। गुलजार ने कई चर्चित फिल्मों आंधी, हू-तू-तू, माचिस और मासूम जैसी फिल्मों के लिए गीत लिखे तथा कई फिल्मों का निर्माण भी किया। वह कवि, पटकथा लेखक, फिल्म निर्देशक तथा नाटककार भी हैं। उनकी रचनाएं मुख्यत- हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी में हैं, लेकिन ब्रज भाषा, खडी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में भी उन्होने रचनायें की है। गुलजार को 2002 का साहित्य अकादमी पुरस्कार और 2004 मेंभारत सरकार की ओर दिया जाने वाले तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पदम भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें 2009 में डैनी बोयल निर्देशित फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर मे अपने गीत जय हो के लिये सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हे ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। गुलजार ने फिल्मी दुनिया में शुरुआती दिनों में बिमल राय, हृषिकेश मुखर्जी, और हेमंत कुमार के सहायक के तौर पर काम शुरू किया। बिमल राय की फिल्म बंदिनी के लिए गुलजार ने अपना पहला गीत लिखा। उन्होंने निर्देशक के रूप में अपने सफर की शुरुआत 1971 में मेरे अपने से की। इसके बाद 1972 में आयी संजीव कुमार और जया भादुडी अभिनीत फिल्म.कोशिश बनायी जो एक गूंगे बहरे दम्पति के जीवन पर आधारित कहानी थी। इस फिल्म ने समीक्षकों को भी हैरान कर दिया। इसके बाद गुलजार ने आंधी, मौसम, अंगूर और नमकीन जैसी फिल्में निर्देशित की जिनमें संजीव कुमार ने अभिनय किया। |
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