नकली नोटों की पहचान में बैंकों की भूमिका अहम: आरबीआई
जनता जनार्दन डेस्क ,
Apr 06, 2014, 12:24 pm IST
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नई दिल्ली: देश में नकली नोटों की पहचान कर उन्हें परिचालन से अलग करने में बैंकों की बड़ी भूमिका है।
रिजर्व बैंक ने बैंकों को सलाह दी है कि वह जाली नोटों के मामले में प्रणाली को कारगर बनाएं और काउंटर पर प्राप्त नोटों को मशीनों पर उचित रूप से प्रमाणित करने के बाद ही परिचालन में लाये। देश में नकली मुद्रा के लगातार बढ़ते प्रचलन के सवाल पर वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि रिजर्व बैंक ने इस पर काबू पाने के लिये कई उपाय किये हैं। रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि 100 रुपये और इससे अधिक मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की मशीन पर प्रामाणिकता तथा उपयुक्तता की पूरी जांच के बाद ही उन्हें काउंटरों और एटीएम के जरिये पुन: जारी किया जाना चाहिये। बैंकिंग विनिमय अधिनियम 1949 के अंतर्गत इस बारे में सभी अनुसूचित बैंकों को निर्देश जारी किये गये हैं। सूत्रों के अनुसार बैंकों से आम आदमी के हितों की रक्षा करते हुये जाली नोटों की सूचना देने तथा उनकी पहचान प्रक्रिया को तर्कसंगत बनाने को कहा गया है। बैंकों से कहा गया है कि वह अपनी प्रणाली को इस ढंग से कारगर बनायें ताकि वे जाली बैंक नोटों का जोखिम उठायें, न कि यह जोखिम आम आदमी उठाये जिनके पास अनजाने में नकली नोट आ जाते हैं। बैंकों से कहा गया है कि एकल लेनदेन में यदि चार जाली नोटों का पता लगता है तो ऐसे मामलों की पूरी रिपोर्ट हर महीने पुलिस अधिकारियों को भेजनी होती है। लेकिन यदि किसी एक लेनदेन में पांच से अधिक जाली नोटों का पता चलता है तो ऐसे मामले में क्षेत्र के नोडल पुलिस स्टेशन अथवा पुलिस अधिकारियों के पास एफआईआर दर्ज कराई जानी चाहिये। |
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