सांसदों-विधायकों पर एक साल में करनी होगी सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट
जनता जनार्दन डेस्क ,
Mar 10, 2014, 15:34 pm IST
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई पूरी करने के लिए एक साल की समयसीमा तय कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निचली अदालतों को एमपी और एमएलए से जुड़े मामलों में आरोप तय होने से एक साल के भीतर फैसला देना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए सांसदों-विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई डेली आधार पर की जाए। कोर्ट ने कहा है कि अगर निचली अदालतें आरोप तय करने के एक साल के भीतर सुनवाई पूरी करने में विफल रहती हैं, तो उसे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को इसका कारण बताना होगा। सर्वोच्च अदालत ने यह निर्देश एक गैर-सरकारी संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस पीआईएल पर लॉ कमिशन की राय ली थी। इस फैसले के साथ सर्वोच्च अदालत ने इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में बदलाव के विषय को आगे बढ़ाया है। पिछले साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिमिनल मामलों में दोषी ठहराए गए राजनेताओं के सांसद-विधायक पद पर बने रहने और चुनाव लड़ने की योग्यता समाप्त कर दी थी। कोर्ट के इस आदेश के बाद से कई बड़े नेताओं के खिलाफ मामलों की जल्द सुनवाई और फैसले का रास्ता खुल गया है। |
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