समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही: राजनाथ सिंह
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Dec 15, 2013, 15:21 pm IST
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नई दिल्ली: बीजेपी को यह फैसला करने में काफी वक्त लगा कि समलैंगिकता को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया जाए या समर्थन। आखिर पार्टी ने अपना रुख तय कर लिया है। भारतीय जनता पार्टी ने समलैंगिकता को अननैचरल बताया है।
पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा है, 'गे सेक्स प्राकृतिक नहीं है। हम किसी भी अप्राकृतिक कार्य का समर्थन नहीं कर सकते।' बीजेपी के इस रुख से केंद्र सरकार की कानून में बदलाव कर समलैंगिक समुदाय को राहत देने की मंशा को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। बीते बुधवार सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के 2009 के फैसले को पलटते हुए समलैंगिकता को अपराध करार दिया था। इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता निराशा जाहिर कर चुके हैं। कानून मंत्री कपिल सिब्बल भी यह संकेत दे चुके हैं कि सरकार धारा 377 में बदलाव कर वयस्क समलैंगिक संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर ला सकती है। भारतीय जनता पार्टी ने इतने दिन से इस मामले पर कोई रुख जाहिर नहीं किया था। और चारों तरफ से उस पर दबाव बढ़ रहा था कि अपनी राय जाहिर करे। आखिरकार पार्टी ने बहुत सोच-समझकर अपना रुख तय कर लिया। 'धारा-377 का सपोर्ट' एक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने कहा कि हम साफतौर पर गे सेक्स को दोबारा अपराध की कैटिगरी में शामिल किए जाने का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि हमारा मानना है कि यह एक अप्राकृतिक कृत्य है, इसलिए हम धारा-377 का सपोर्ट करते हैं। 'व्यवस्था के खिलाफ' बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि आईपीसी की धारा-377 केवल उस तरह के सेक्सुअल कंडक्ट पर पाबंदी लगाती है, जो प्रकृति के खिलाफ हो। इस कानून को इस तरह से भी समझा जा सकता है कि गे टेंडेंसी के साथ पैदा होना प्राकृतिक व्यवस्था के खिलाफ नहीं है। हालांकि राजनाथ ने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे पर इसलिए भी कुछ कहने से बच रही थी क्योंकि उसे डर था कि पार्टी के रुख से लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं। सरकार अभी असमंजस में सरकार ने शनिवार को कहा कि होमोसेक्सुअलिटी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बेअसर करने के लिए कोई ऑर्डिनेंस अभी जारी करने की कोई योजना नहीं है। केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने यहां एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से कहा कि अभी नहीं, हमारे (पार्टी के) उपाध्यक्ष और अध्यक्ष इस मुद्दे पर पहले ही बोल चुके हैं। मैं उनके साथ हूं। शिंदे ने यह बात उस सवाल के जवाब में कही कि जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार समलैंगिक संबंधों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए ऑर्डिनेंस का रास्ता अपनाएगी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि मैं निजी तौर पर मानता हूं कि ये निजी आजादी के मुद्दे हैं। मैं समझता हूं कि मैं हाई कोर्ट के आदेश से ज्यादा सहमत होऊंगा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निराशा जताई थी। |
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