बर्थडे स्पेशल: जब एक फिल्म ने बदली धर्मेद्र की तकदीर

बर्थडे स्पेशल: जब एक फिल्म ने बदली धर्मेद्र की तकदीर

नई दिल्ली: धर्मेद्र बॉलीवुड के सुपरस्टार ऐसे ही नहीं बन गए। आज 78 बरस के होने वाले धरम पाजी को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ा, यह हम आपको बताते हैं। एक समय ऐसा भी था कि उनकी फिल्म को कोई खरीददार तक नहीं मिल रहा था।

1966 में बनी धर्मेद्र की फिल्म फूल और पत्थर को खरीदने के लिए भी कोई तैयार नहीं हो रहा था। फिल्म में धर्मेद्र के साथ ट्रैजेडी क्वीन के नाम से मशहूर मीना कुमारी भी थीं। इस फिल्म के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। वैसे तो आज के समय में भी जाति और ऊंच-नीच जैसी बातें बहुत मायने रखती हैं लेकिन उस दौरान यह सब बहुत बड़ी चीज होती थी।

हेमा मालिनी ने ठुकराया था इन्हें:

1958-1959 में अखबार में एक ठाकुर घराने की बहू के दलित पुरुष के साथ भाग जाने जैसी खबर छपी थी। उसी समय फिल्मकार ओ.पी. रल्हन ने यह प्रण ले लिया कि वह इस मसले पर एक फिल्म अवश्य बनाएंगे। इस घटना में अपनी इज्जत को बचाने की खातिर ठाकुर परिवार कोर्ट में चला जाता है लेकिन वह लड़की कोर्ट में भी उस दलित व्यक्ति को ही अपना पति बताती है। भरी अदालत में वह साफ कहती है कि जिस व्यक्ति के साथ उसने सात फेरे लिए हैं वह कभी भी उसका ख्याल नहीं रख पाया और जो पति अपनी पत्‍‌नी का ध्यान ही नहीं रखे वह पति कहलाने के योग्य नहीं है।

धर्मेद्र का पोता भी रखेगा फिल्म इंडस्ट्री में कदम:

ओ.पी. रल्हन, लेखक धु्रव चटर्जी के पास गए और उन्हें इस घटना पर एक कहानी लिखने के लिए बोला, लेकिन चटर्जी ने मना कर दिया। तब रल्हन ने यह निश्चय किया कि वह खुद ही फिल्म बनाएंगे। उन्होंने रजन हिजवी से फिल्म के डायलॉग लिखवाए। फिल्म को लेकर किसी तरह का विवाद ना पैदा हो इसीलिए रल्हन ने दलित के किरदार को चोर का किरदार बना दिया। लेकिन फिल्म की कहानी जिसने भी सुनी, उसे यह कहानी फ्लॉप ही लगी। सभी निर्माताओं ने यह फिल्म बनाने से मना कर दिया।
जब इस फिल्म की अभिनेत्री की बात आई तो ओ.पी रल्हन को मीना कुमारी का ख्याल आया। वे बहुत डरते-डरते मीना कुमारी के पास गए लेकिन कहानी सुनने के बाद मीना कुमारी ने तुरंत ही फिल्म के लिए हां कह दी। वह मीना कुमारी के साथ राजेंद्र कुमार को लेना चाहते थे लेकिन वह नहीं माने।

इस पर भी रल्हन ने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने निश्चय किया कि वह किसी नए कलाकार को लेकर ही फिल्म बनाएंगे और उन्होंने धर्मेद्र को साइन किया। कमाल अमरोही ने साफ कह दिया कि यह लड़का मीना कुमारी के साथ फिल्म करने के लायक नहीं है। इस फिल्म का मुहूर्त बूट पालिश करने वाले एक लड़के से कराया गया।

जिस कहानी पर कोई निर्माता फिल्म बनाने के लिए राजी नहीं हो रहा था उस फिल्म ने हर बार असफल साबित हो रहे धर्मेद्र की तकदीर बदल दी। इस फिल्म के बाद धर्मेद्र के बाद इतने ऑफर आने लगे कि वह अन्य सभी कलाकारों से ज्यादा व्यस्त हो गए।

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